जयपुर. प्रदेश में जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है, तब से क्वॉरेंटाइन सेंटरों और शेल्टर होम्स में रह रहे लोगों को किसी तरह की कोई तकलीफ न हो. इसके लिए आपदा एवं प्रबंधन विभाग पूरी तन्मयता से जुटा हुआ है. क्वॉरेंटाइन सेंटर हो या फिर प्रदेश के शेल्टर होम्स, जिसमें प्रवासी मजदूर रुके हुए हैं. इनके प्रबंधन के लिए अब तक प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को 63 करोड़ 80 लाख रुपए का आवंटन विभाग की ओर से किया गया है.
आपदा प्रबंधन विभाग मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल के अनुसार जिला कलेक्टर्स को राज्य में संचालित समस्त क्वॉरेंटाइन केन्द्रों तथा राहत शिविरों में रह रहे प्रवासी श्रमिकों के लिए अस्थायी आवास, भोजन, कपडे़, मेडिकल सुविधा, संदिग्धों की जांच और स्क्रीनिंग, कोविड-19 की रोकथाम में लगे स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिसकर्मियों और सफाईकर्मियों की निजी सुरक्षा के उपकरण इत्यादि के लिए मार्च महीने में 8.70 करोड़ रुपए, निर्बन्ध कोष के लिए 4.10 करोड़ और अप्रैल में 51 करोड़ की राशि आवंटित की जा चुकी है. इस प्रकार समस्त जिला कलेक्टरों को कुल 63.8 करोड़ की राशि जारी की जा चुकी है.
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मेघवाल ने कहा कि मुख्यमत्री अशोक गहलोत के साफ निर्देश हैं कि चाहे क्वॉरेंटाइन सेंटर हो या फिर शेल्टर होम्स, उसमें रहने वाले किसी भी तबके के हों उनको कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. हालांकि आपको बता दें कि क्वॉरेंटाइन सेंटर पर प्रति व्यक्ति खर्च शेल्टर होम्स की तुलना में ज्यादा है. क्योंकि वहां लोगों को सरकार की ओर से कोरोना संदिग्ध के तौर पर लाया जाता है.
ये खर्च होता है, क्वॉरेंटाइन सेंटर पर...
जैसे ही प्रदेश में लॉकडाउन शुरू हुआ था, वैसे ही 23 मार्च को आपदा एंव प्रबधन विभाग की ओर से जो क्वॉरेंटाइन सेंटर के लिए राशि आवंटित हुई थी. उसके अनुसार क्वॉरेंटाइन सेन्टर में इन मदों में खर्च होता है पैसा, जानिए...
क्वॉरेंटाइन सेंटर पर खाने और नाश्ते के मद में प्रति व्यक्ति ये हो रहा खर्च
- नाश्ता 100 रुपए में
- दोपहर का खाना 180 रुपए में
- रात का खाना 180 रुपए में
- पानी 80 रुपए में
- चाय और स्नैक्स 60 रुपए में