जयपुर.राजस्थान में मंत्रिमंडल के पुनर्गठन (cabinet reorganization) के बाद भी रूठने-मनाने का सिलसिला थमा नहीं है. बृजेंद्र ओला राज्यमंत्री बनकर भी नाखुश हैं. बसपा से कांग्रेस में आए राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) को ईनाम मिला लेकिन बाकी 5 नाराज हो गए. इसी तरह सीनियर दलित नेता भी उपेक्षा से खफा हो गए हैं. खैरवाड़ा विधायक दयाराम परमार (Khairwada MLA Dayaram Parmar) ने तो मुख्यमंत्री को पत्र लिख ये पूछ लिया है कि मंत्री बनने की योग्यता क्या है. यानी अब सरकार को डैमेज कंट्रोल की कवायद करनी ही होगी.
बृजेंद्र ओला इस वजह से नाराज
लंबे समय से जिस कैबिनेट विस्तार (cabinet extension) का इंतजार हो रहा था, आखिर आज राजस्थान की गहलोत सरकार ने वह कैबिनेट विस्तार कर दिया. नए 15 मंत्रियों ने शपथ भी ले ली. लेकिन शपथ के साथ ही अपनों की नाराजगी भी आज ही सामने आ गई. सबसे पहली नाराजगी निकल कर आई बृजेंद्र ओला की. जो राज्य मंत्री बनाये जाने के बावजूद नाराज हैं, हालांकि उन्होंने मीडिया के सामने अपनी बात नहीं रखी. लेकिन हालात ये बने कि शपथ ग्रहण समारोह के बाद बृजेंद्र ओला को समझाने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (State Congress President Govind Singh Dotasara) उन्हें साथ लेकर अजय माकन (Ajay Maken) के पास होटल मैरियट में पहुंचे.
अब कहा जा रहा है कि बृजेंद्र ओला ने सोनिया गांधी (sonia gandhi) से मिलवाया जाएगा. दरअसल ओला की नाराजगी इस बात से है कि उन्हें तीन बार का विधायक होने के बावजूद राज्य मंत्री बनाया गया. जबकि दो बार के विधायकों को कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया है. कहा जा रहा है कि होटल मैरियट में ओला डोटासरा और माकन की लंबी बात हुई है.
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बसपा के बाकी विधायकों का क्या..
सबसे बड़ी नाराजगी सामने आ रही है उन पांच बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों की, बसपा से कांग्रेस में आए विधायक राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री बनाए जाने से ये बाकी विधायक नाराज हैं. बसपा से कांग्रेस में आए इन पांचों विधायकों की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने उन्हें मुख्यमंत्री आवास बुलाया. संभवत उन्हें संसदीय सचिव बनाकर उनकी नाराजगी दूर की जाए.