जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में आमजन को राहत देने के लिए पर्यटन, राजस्व, किसान कल्याण, उच्च शिक्षा के साथ ही विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन से जुड़े निर्णय किए गए. साथ ही राज्य मंत्रिपरिषद ने 2 अक्टूबर से प्रारंभ होने जा रहे प्रशासन शहरों के संग और प्रशासन गांवों के संग अभियान-2021 के जरिए लोगों को राहत देने के संबंध में चर्चा की गई.
मंत्रिपरिषद ने प्रशासन शहरों के संग और प्रशासन गांवों के संग अभियान-2021 के प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा की.बैठक में निर्णय लिया गया कि अभियान के तहत 2 अक्टूबर को राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सभी मंत्री मौजूद रहेंगे. सभी मंत्री 4 अक्टूबर को अपने विधानसभा क्षेत्रों में और 5 से 7 अक्टूबर को अपने प्रभार वाले जिलों में शिविरों का निरीक्षण करेंगे.
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500 करोड़ का अतिरिक्त दीर्घकालिक ऋण
मंत्रिमण्डल ने कृषकों के कल्याण की विभिन्न योजनाओं के संचालन के लिए गठित कृषक कल्याण कोष में समुचित राशि की उपलब्धता के लिए बैंक ऑफ इण्डिया से 500 करोड़ रूपए का अतिरिक्त दीर्घकालिक ऋण लेने की मंजूरी दी है. यह ऋण राज्य सरकार की प्रत्याभूति पर लिया जाएगा. इससे राज्य में कृषकों की आय में वृद्धि और उनके कल्याण से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम संपादित किए जा सकेंगे.
अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आश्रितों का दायरा बढ़ाया
कैबिनेट ने राजस्थान मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति नियम-1996 में संशोधन का अनुमोदन किया है. इसके तहत मृत कर्मचारी के आश्रित के रूप में तलाकशुदा पुत्री और अविवाहित राज्य कर्मचारी की मृत्यु होने की स्थिति में उसके माता, पिता अथवा अविवाहित भाई या बहिन के साथ कोई भी आश्रित नहीं होने पर विवाहित पुत्री को भी शामिल किया है. इस प्रावधान से राज्य सरकार की ओर से सरकारी कार्मिक की मृत्यु की स्थिति में उसके आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान कर आश्रित परिवार को राहत दी जा सकेगी. वर्तमान अनुकम्पा नियुक्ति नियमों में अब तक मृत कार्मिक के आश्रित के रूप में पति, पत्नी, पुत्र, अविवाहित या विधवा पुत्री, दत्तक पुत्र या दत्तक अविवाहित पुत्री को ही पात्र माना गया है.
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विभिन्न सेवा और पेंशन नियमों में संशोधन को मंजूरी
बैठक में राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम-2008 में संशोधन का अनुमोदन किया गया. कैबिनेट ने राजस्थान चतुर्थ श्रेणी सेवा (भर्ती एवं सेवा की अन्य शर्तें) नियम- 1999 में संशोधन का अनुमोदन किया है. इस निर्णय से 10 अप्रैल 2006 को 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके अनियमित कार्मिकों की स्क्रीनिंग के लिए गठित कमेटी की कार्रवाई समयबद्ध रूप से पूरी हो सकेगी.
अधिसूचना को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा नियम-2005 को पेंशन फंड रेगुलेटरी और डवलपमेंट ऑथोरिटी एक्ट-2013 के दायरे में लाने के लिए अधिसूचना जारी करने की मंजूरी दी है. इससे राज्य सरकार के वे सभी कर्मचारी जिन पर नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू है, पीएफआरडीए एक्ट-2013 से लाभांवित हो सकेंगे.
बैठक में राजस्थान सिविल सर्विसेज नियम-1996 के नियम 14 में संशोधन को स्वीकृति दी गई. इससे पेंशन विभाग के स्तर पर पेंशन प्रकरणों का शीघ्रता से निस्तारण हो सकेगा. साथ ही मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा नियम-2005 में संशोधन तथा इस संशोधन में निर्धारित प्रक्रिया को अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर लागू करने की मंजूरी दी है. इसी प्रकार राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम-1996 के अन्य नियमों में भी संशोधन को मंजूरी दी है. इससे न्यायिक कार्रवाई विचाराधीन होने पर भी सेवानिवृत्त कार्मिक को 50 प्रतिशत अन्तःकालीन ग्रेच्युटी का भुगतान मिल सकेगा. साथ ही पेंशन विभाग में सेवा पुस्तिका भिजवाने की आवश्यकता नहीं रहेगी.
मंत्रिमंडल ने राजस्थान जिला न्यायालय लिपिक वर्गीय स्थापन नियम-1986 संशोधन और जिला न्यायालय में संविदा पर पदस्थापित कोर्ट मैनेजर्स के नियमितीकरण के साथ नवीन संवर्ग के सृजन के लिए नियमों में संशोधन को मंजूरी दी है. बैठक में राजस्थान राज्य कर्मचारी सामान्य प्रावधायी निधि नियम-2021 लागू करने को भी मंजूरी दी गई. इससे राज्य सरकार के सभी कार्मिकों को जीपीएफ में ऑनलाइन राशि जमा और आहरण करने की सुविधा होने के साथ ही प्रक्रिया में पारदर्षिता आएगी और पेपरलैस व्यवस्था कायम होगी.