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'शांतिदूत' सुब्बाराव का 4 बजे अंतिम संस्कार, सीएम अशोक गहलोत सहित कई हस्तियां होंगी शामिल

गांधीवादी विचारक डॉ. एसएन सुब्बाराव 'भाईजी' (Dr. SN Subbarao) का 93 साल की उम्र में जयपुर के एसएमएस अस्पताल में बुधवार को निधन हो गया. बुधवार शाम ही सुब्बाराव का पार्थिव शरीर मुरैना स्थित उनके गांधी आश्रम पहुंचा. गुरुवार को शाम 4 बजे 'शांतिदूत' सुब्बाराव का अंतिम संस्कार (Subbarao Funeral) किया जाएगा. इस दौरान राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत सहित कई बड़ी हस्तियां शामिल होंगी.

SN Subbarao passes away, Ashok gehlot
'शांतिदूत' सुब्बाराव

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Published : Oct 28, 2021, 1:08 PM IST

Updated : Oct 28, 2021, 2:20 PM IST

मुरैना/जयपुर. सुदूर दक्षिण से आए युवक ने 70 के दशक में बागी समर्पण का सूत्रधार बनकर न केवल महात्मा गांधी के हिंसा पर अहिंसा की जीत के सिद्वांत को प्रतिपादित कर दिखाया, बल्कि चंबल अंचल के हिंसाग्रस्त जीवन में शांति सद्भाव के शीतल मंद सुगंध युक्त झोके भी प्रवाहित भी किया. अंचल में शांति स्थापित करने वाले डॉ. एसएन सुब्बाराव 'भाईजी' (Dr. SN Subbarao) का बुधवार सुबह राजस्थान के जयपुर में निधन हो गया. बुधवार शाम सुब्बाराव का पार्थिव शरीर मुरैना में गांधी आश्रम में लाया गया. आज याने गुरुवार को सुब्बाराव का अंतिम संस्कार (Subbarao Funeral) शाम 4 बजे किया जाएगा.

अंतिम संस्कार में शामिल होंगे राजस्थान के सीएम

गुरुवार को शाम चार बजे गांधीवादी विचारक डॉ. एसएन सुब्बाराव का अंतिम संस्कार किया जाएगा. अंतिम संस्कार में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल होंगे. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सुब्बाराव के निधन पर शोक जताया था. उन्होंने कहा इसे अपूरणीय क्षति बताया है. पद्मश्री से सम्मानित सुब्बाराव को तबीयत खराब होने पर कुछ दिन पहले यहां एसएमएस (सवाई मानसिंह) अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

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पंडित जवाहरलाल नेहरू के सलाहकार थे सुब्बाराव

डॉक्टर एसएन सुब्बाराव जवाहरलाल नेहरू के सलाहकार के रूप में काम करते थे और उनके बहुत नजदीक थे. 60 के दशक में सुब्बाराव कांग्रेस के राष्ट्रीय सेवा दल के को-ऑर्डिनेटर भी थे. नेहरू जी के सलाहकार होने के नाते चंबल अंचल में सिंचाई के लिए शुरू की जाने वाली नहर परियोजना का अवलोकन करने मुरैना जिले में आए थे. इसी दौरान उन्होंने चंबल अंचल की समस्या को जाना और समझा तथा उसके निराकरण के लिए काम करना शुरू किया. राहुल गांधी ने भी उनके निधन पर दुख जताया.

डकैतों को समर्पण के लिए किया था प्रेरित

डॉक्टर एसएन सुब्बाराव ने जौरा में नहर परियोजना के अवलोकन के समय समाज के लोगों के साथ 10 समस्या के उन्मूलन के लिए विचार-विमर्श शुरू किया. इस दौरान उन्होंने डकैतों से भी प्रत्यक्ष रूप से संबंध स्थापित किए. डकैतों को समाज की मुख्यधारा में वापस लौटने के लिए प्रेरित किया. इसके साथ उन्होंने डकैतों को शासन और प्रशासन से हर संभव मदद दिलाने का काम किया. उसका परिणाम ये हुआ कि सन 1972 में दो चरणों में 672 इनामी डकैतों का आत्मसमर्पण कर लिया.

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डकैतों के लिए की गांधी आश्रम की स्थापना

आत्मसमर्पण करने वाले 672 डकैतों और उनके परिवारीजनों को समाज सम्मान की दृष्टि से देखें और वह बिना किसी भय के अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें, इसके लिए उन्हें रोजगार देने की व्यवस्था की गई. कुछ डकैतों पर कानूनी क्षेत्रों के कारण सजा हुई, उन्हें जेल जाना पड़ा. ऐसे डकैतों के परिजनों के रहने और और रोजगार के लिए गांधी आश्रम की स्थापना की गई. जिसमें उनके परिजनों को रोजगार मुहैया कराया गया जो आज भी निरंतर काम कर रहा है.

Last Updated : Oct 28, 2021, 2:20 PM IST

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