जयपुर. केंद्र की मोदी सरकार देश में बेटियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का प्रस्ताव लेकर आई है जिसे केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने इस बदलाव को काले कानून की संज्ञा दी. गहलोत सरकार के तीन साल पूरे होने पर ईटीवी से खास बातचीत में भूपेश ने कहा कि बेटियों की उम्र 21 साल करने से लड़कियों के प्रति अपराध बढ़ेगा.
शादी की उम्र 21 करना, महिला अपराध को बढ़ावा देना
लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 साल करने संबंधी प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी भी दे दी है. अभी शादी की न्यूनतम उम्र लड़कों के लिए तो 21 साल है और लड़कियों के लिए 18 साल है, जिसे जल्द बढ़ाकर 21 वर्ष कर दिया जाने की संभावना है. लेकिन इस प्रस्ताव को लेकर भूपेश ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. भूपेश ने कहा कि इस तरह लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ा कर 21 वर्ष करना देश की जनता पर जबरन थोपे जाने वाला कानून होगा. इससे अपराध बढ़ेगा. लड़कियों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में बढ़ोत्तरी होगी. भूपेश ने कहा कि मोदी सरकार यह एक काला कानून ला रही है.
घोषणा पत्र के 70 प्रतिशत कार्य पूरे
ममता भूपेश ने कहा कि तीन सालों में गहलोत सरकार कई चुनौतियों से गुजरी है. जिसमें डेढ़ साल से ज्यादा तो कोरोना काल में गुजरा. बावजूद इसके तीन साल बेमिसाल रहे हैं. जनता से जो वादे किए उन्हें पूरा करने में कोई कमी नहीं छोड़ी. घोषणा पत्र के 70 प्रतिशत कार्य पूरे कर लिए गए. शेष कार्य लगातार हर साल पूरे होने हैं. भूपेश ने कहा कि मेरे विभाग की बात करूं तो घोषित किए गए 90 फीसदी काम हमने पूरी कर लिए हैं.