जयपुर. कांग्रेस पार्टी चुनाव दर चुनाव देश में सिकुड़ती जा रही है. तमाम प्रयासों के बावजूद कांग्रेस पार्टी न तो भाजपा से ही मुकाबला कर पा रही है और न ही स्थानीय दलों से. हर बार हार के बाद कांग्रेस अपने हार के कारणों को तलाशने के प्रयास करती है, जिसमें हर बार निकल कर आता है कि कांग्रेस पार्टी का आईटी विंग भाजपा से काफी कमजोर है. न केवल भाजपा बल्कि प्रदेशों के स्थानीय दलों से भी कांग्रेस पार्टी का आईटी विंग मार खा जाता है.
यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी अब जिन राज्यों में चुनाव होने हैं उन राज्यों में पहले से ही सक्रिय हो गई है. राजस्थान में 2023 के विधानसभा चुनाव (Rajasthan Vidhansabha Election 2023) और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी अपनी आईटी विंग को पूरी तरह सशक्त बनाना चाहती है. इसके चलते कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान में आईटी विंग की कार्यकारिणी भी बना दी है, जिसे अब वह ब्लॉक स्तर पर लेकर जाएगी ताकि हर ब्लॉक में कांग्रेस के लिए सोशल मीडिया पर बात रखने वाले लोग तैयार हो.
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नहीं होता है कांग्रेस का पक्ष रखने वाला: दरअसल, कांग्रेस पार्टी की इंटरनल रिपोर्ट में ही निकल कर आया है कि पार्टी चुनाव इसलिए नहीं हारती कि उसका स्ट्रक्चर कमजोर है, बल्कि वह चुनाव इसलिए हार रही है क्योंकि कांग्रेस के प्रति जो गलत बातें फैलाई जाती है उसका जवाब सोशल मीडिया पर सही समय पर नहीं पहुंचता है. हाल ही में राजस्थान कांग्रेस के चिंतन शिविर में खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने यह कहा था कि कांग्रेस का माउथ मीडिया कमजोर है. जहां दूसरी पार्टियों के विरोध में एक लाइन लिखने पर एक के बाद एक काफी समर्थक सोशल मीडिया पर एक्टिव हो जाते हैं, तो वहीं कांग्रेस पार्टी में इसका अभाव है.
वहीं, पांच राज्यों के चुनाव में आए नतीजों के बाद भी यही निकल कर आया था कि कांग्रेस पार्टी अपनी बात को सोशल मीडिया पर बेहतर तरीके से नहीं पहुंचा पा रही है. अब यही कारण है कि राजस्थान में तो कांग्रेस पार्टी पहले से ही अपना पूरा स्ट्रक्चर तैयार कर लेना चाहती है ताकि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में उसे किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.