जयपुर. जयपुर की करधनी थाना पुलिस ने 17 सितंबर को हुई फायरिंग की घटना का खुलासा कर दिया है. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. उसके साथ पंजाब के कुख्यात बदमाश भी इस घटना में शामिल थे. आपसी रंजिश के चलते फायरिंग की घटना को अंजाम दिया गया था.
पुलिस उपायुक्त जयपुर (पश्चिम) ऋचा तोमर के अनुसार 17 सितबर को अंकित सिंह आकोदा निवासी गणेश वाटिका निवारू रोड ने करधनी थाने में मामला दर्ज कराया कि वह सुबह 9:30 बजे वैद्य जी का चौराहा से घर लौटा था. पड़ोसी से बात करते समय एक बिना नंबर की आल्टो कार आई. कार में विजेन्द्र सिंह कोलाडा और चार अन्य लोग थे. इस दौरान बिज्जू कोलाडा ने अंकित के सिर पर पिस्टल तान दी और उसके बाद अन्य बदमाशों ने उसके साथ मारपीट की. अंकित का भाई विशाल उसे बचाने आया तो उस पर फायरिंग कर दी जिसमें वह बाल-बाल बचा. बदमाशों ने दोनों पर फायरिंग की लेकिन वे बच गए. इसके बाद विजेन्द्र सिंह कोलाडा एवं उसके साथ आये बदमाश वहां से भाग गए.
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फायरिंग की घटना में शामिल विजेन्द्र सिंह कोलाडा व अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया. जांच में सामने आया कि विजेन्द्र सिंह कोलाडा काफी समय जेल में बंद रहा है. जेल में बंद रहने के दौरान वह कुख्यात बदमाशों के सम्पर्क में आ गया और राजस्थान के बाहर की आपराधिक गैंग में शामिल हो गया. विजेन्द्र सिंह कोलाडा फायरिंग की घटना के बाद से फरार चल रहा था.
पुलिस को घटना के मुख्य साजिशकर्ता जयसिंह शेखावत निवासी गांव छींछास सीकर, एक नाबालिग एवं राजस्थान से बाहर के कुख्यात बदमाश सुख्खी सरदार एवं सौरभ उर्फ महाकाल के सम्बन्ध में सटीक सूचना मिली. 28 अक्टूबर को जयसिंह शेखावत को करधनी एरिया से पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया गया. घटना में शामिल एक नाबालिग को भी निरुद्ध किया गया.
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