राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

कल तक हालातों का हवाला, आज दिल्ली दौरा...माकन से क्या चर्चा करेंगे महेश जोशी ?

24 जून को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए उम्र और कोरोना के साथ ही दिल्ली क्राइम ब्रांच के नोटिस को अवैधानिक बताने वाले महेश जोशी (Mahesh Joshi) आज 25 जून को दिल्ली पहुंच चुके हैं. हालांकि, दिल्ली में वे प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) को इस पूरे मामले से अवगत कराएंगे. वहीं, इस दौरे के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.

Chief Whip Mahesh Joshi
राजस्थान फोन टैपिंग केस

By

Published : Jun 25, 2021, 11:01 AM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी (Chief Whip Mahesh Joshi) भले ही गुरुवार को दिल्ली क्राइम ब्रांच की ओर से दिए गए नोटिस का जवाब देने दिल्ली ना गए हों, लेकिन आज शुक्रवार को महेश जोशी दिल्ली पहुंच गए हैं.

महेश जोशी का दिल्ली में प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) से मुलाकात का कार्यक्रम है. महेश जोशी का दिल्ली में प्रभारी अजय माकन से मुलाकात के पीछे माना जा रहा है कि उन्हें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की फोन रेकॉर्डिंग (Rajasthan Phone Tapping Case) के मामले में एफआईआर में दिए गए नोटिस के बारे में वह माकन से चर्चा करेंगे. इसके साथ ही माना जा रहा है कि महेश जोशी जयपुर जिला अध्यक्ष के नामों को लेकर भी अजय माकन से चर्चा कर सकते हैं.

पढ़ें :जोशी ने उठाए दिल्ली क्राइम ब्रांच के नोटिस पर सवाल, हालातों का हवाला देकर दिल्ली को किया दरकिनार

आपको बता दें कि महेश जोशी को गुरुवार को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने नोटिस देकर बुलाया था, जिसे अवैधानिक बताते हुए जोशी ने दिल्ली जाने से इनकार कर दिया था. वहीं, उन्होंने कोरोना के साथ ही अपनी उम्र का भी हवाला दिया था.

पढ़ें :कांग्रेस ने केन्द्रीय मंत्री को बताया भगौड़ा, PCC पर नारेबाजी...जोशी भी बोले- साहब सैंपल तो दीजिए

क्या कहा था जोशी ने...

दरअसल, फोन टैपिंग (Rajasthan Phone Tapping Case) मामले में राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी (Mahesh Joshi) ने दिल्ली क्राइम ब्रांच (Delhi Crime Branch) के नोटिस की वैधानिकता पर सवाल खड़ा किया था और गुरुवार को दिल्ली नहीं गए थे. जोशी ने कहा था कि सीआरपीसी (CrPC) की धारा 160 के तहत उन्हें जो नोटिस दिया गया है, उसमें कई तरीके की कानूनी बंदिशें होती हैं. नोटिस दिया तो जा सकता है, लेकिन कानून यह है कि 15 साल से कम आयु, 65 साल से अधिक आयु वाले व्यक्ति, महिला और किसी दिव्यांग से अगर पुलिस को पूछताछ करनी है तो वह उनके घर जाकर पूछताछ कर सकती है या फिर सहमति से कोई जगह तय होती है तो वहां पूछताछ की जा सकती है. 160 सीआरपीसी में इस कैटेगरी के लोगों को थाने बुलाकर बयान नहीं लिए जा सकते हैं. इसलिए यह नोटिस कानून सम्मत नहीं था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details