जयपुर. राज्यसभा के रण के बीच एसीबी में विधायकों की खरीद-फरोख्त की शिकायत को लेकर मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि शिकायत आरोप-प्रत्यारोप में नहीं बल्कि कानूनी तौर पर दर्ज करवाई है. जिससे जनता के सामने सच्चाई आ सके. उन्होंने कहा कि शिकायत में भाजपा का नाम नहीं लिया है. फिर भी BJP का रिएक्शन बता रहा कि दाल में कुछ काला है.
राजस्थान में राज्यसभा का रण अब पूरे शबाब पर है. कांग्रेस विधायकों को जिस तरीके से रिसॉर्ट शिव विलास में बाड़ाबंदी करके रखने की तैयारी हो चुकी है. उससे अब साफ है कि प्रदेश में खरीद-फरोख्त का डर और संभावना दोनों बन चुकी है. वहीं इस बाड़ाबंदी के बीच राजस्थान के इतिहास में संभवत यह पहली बार हुआ है कि विधायकों के खरीद-फरोख्त को लेकर किसी पार्टी के नेता ने लिखित में सरकारी एजेंसी को शिकायत दी है. प्रदेश के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि उन्होंने एसीबी को शिकायत इसलिए दी है क्योंकि कांग्रेस पार्टी सच्चाई जनता के बीच में लाना चाहती है. उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत के बाद भाजपा बौखला गई है. तभी किसी का नाम नहीं लिखे होने के बावजूद भी वह इस पर रिएक्शन दे रही है.
यह भी पढ़ें.CM गहलोत के आरोप पर कटारिया का जवाब, कहा- सरकार आपकी और प्रशासन भी आपका, फिर इन बातों का क्या औचित्य
मुख्य सचेतक ने कहा कि भाजपा का यह रिएक्शन साफ दिखाता है कि भाजपा ने दाल में काला किया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के लोग स्वाभिमानी हैं. वे बिकाऊ नहीं हैं और हम पर जो भाजपा बाड़ेबंदी का आरोप लगा रही है. भाजपा ही राजस्थान में इस बाड़ेबंदी की जनक रही है. जब 1993 में भाजपा ने सड़क पर अपने विधायकों की परेड करवाई थी. जोशी ने कहा कि जो हालात मध्य प्रदेश में, गुजरात में हुए हैं, वही हालात राजस्थान में करने का प्रयास था. केंद्र में भाजपा की सरकार है. उनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है और उसका हिसाब भी वह नहीं देना चाहती है.