जयपुर.राजसमंद उपचुनाव में कुंवारिया में हुई जनसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के महाराणा प्रताप को लेकर इस्तेमाल किए गए अमर्यादित शब्दों के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस मामले में मंगलवार को राजपूत करणी सेना से जुड़े पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय के बाहर जमकर हंगामा किया. साथ ही वहां लगे कटारिया के हॉर्डिंग पर स्याही भी पोत दी.
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सोमवार दोपहर को अचानक से करणी सेना से जुड़े करीब 8 से 10 कार्यकर्ता नारे लगाते हुए पहुंचे और अपने हाथों में स्याही की शीशी लेकर बाहर लगे बड़े हॉर्डिंग पर स्याही पोत दिया. इस दौरान उन्होंने गुलाबचंद कटारिया और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के खिलाफ नारे भी लगाए.
करणी सेना से जुड़े ये प्रदर्शनकारी इतने आक्रोशित थे कि उन्होंने कहा कि अभी तो कटारिया का पोस्टर पर स्याही पहुंची है, अब उनके घर को निशाना बनाया जाएगा. साथ ही कहा कि यदि वे सामने आएंगे तो उनको भी नहीं छोड़ा जाएगा.
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पहले तो महाराणा प्रताप के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है और बाद में फिर खेद प्रकट कर लेते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा. वहीं, कुछ प्रदर्शनकारियों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के खिलाफ भी बयान दिया.
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उन्होंने कहा कि कटारिया से पहले एक समारोह में सतीश पूनिया ने महाराणा प्रताप से जुड़ा मोमेंटो पांव के नीचे रखा और अब गुलाब चंद कटारिया ने महाराणा प्रताप के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया. घटनाक्रम महज 5 से 10 मिनट चला और इस दौरान पुलिस भी आ गई. हालांकि, पुलिस के पहुंचने पर प्रदर्शनकारी अपनी नाराजगी जताते हुए वहां से निकल गए.
राजपूत प्रदर्शनकारियों को भाजपा की नसीहत
इस मामले में भाजपा मीडिया पैनलिस्ट लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने निंदा की. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने जो संबोधन दिया था वह महाराणा प्रताप के स्वाभिमान और वीरता को दर्शाने के लिए था, लेकिन उनके संबोधन का गलत अर्थ निकाल कर विरोध किया जा रहा है. लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि महाराणा प्रताप के अपमान का काम तो कांग्रेस सरकार और शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने किया है. भाजपा ने तो बरसों से जो पाठ्यक्रमों में अकबर महान पढ़ाया जा रहा था, उसको बदलकर महाराणा प्रताप महान पढ़ाने का काम किया है.