जयपुर.लोकसभा (Lok Sabha Session) में आज सीकर और झुंझुनू को सीधा पूर्वोत्तर रेलवे से जोड़ने का मुद्दा जोरशोर से उठा. झुंझुनू से लोकसभा सांसद नरेंद्र कुमार (Lok Sabha MP Narendra Kumar in lok sabha) ने इस मांग को उठाया है. इसके साथ ही नरेंद्र कुमार ने सैनिकों के लिए चलने वाली ट्रेन को 3 दिन की जगह नियमित करने की मांग भी की है. वहीं सुभाष चंद्र बहेड़िया (Subhash chandra bahedia in Lok Sabha) ने माइनिंग की रॉयल्टी के पैसों को जिले के विकास कार्यों में खर्च नहीं करने का मुद्दा लोकसभा में उठाया.
लोकसभा मे उठा सीकर और झुंझुनू को पूर्वोत्तर रेलवे से सीधा जोड़ने का मुद्दा, जानिए और कौन से मामले उठे - Jaipur latest news
लोक सभा (Lok Sabha Session)में सीकर और झुंझुनू को पूर्वोत्तर रेलवे से सीधा जोड़ने का मामला आज जोरशोर से उठा है. इसके साथ ही माइनिंग के रॉयल्टी के पैसों से जिले के विकास कार्य कराए जाने को लेकर भी गहलोत सरकार से सवाल किए गए.
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पूर्वोत्तर रेलवे से सीधी जुड़े ट्रेन
झुंझुनू से लोकसभा सांसद नरेंद्र कुमार ने संसद में कहा कि नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस के सीधा सीकर-झुंझुनू से संपर्क नहीं होने के कारण प्रवासी राजस्थानियों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानी नॉर्थ ईस्ट से जब सीकर-झुंझुनू आते हैं तो उन्हें दिल्ली, आगरा सहित अन्य राज्यों से बसों के जरिए आना पड़ता है. इससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही सीकर और झुंझुनू से देश में सबसे ज्यादा सैनिक भारतीय सेना में हैं. ऐसे में इन सैनिकों को भी अपने घर तक पहुंचने में परेशानी उठानी पड़ती है. नरेंद्र कुमार ने कहा कि अगर नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस को सीकर झुंझुनू से सीधा जोड़ दिया जाए तो प्रवासी राजस्थानी के साथ क्षेत्र के सेना के जवानों को भी बड़ी राहत मिलेगी.
संसद में उठा रॉयल्टी का मुद्दा
भीलवाड़ा से सांसद सुभाष चंद्र बहेड़िया ने अपने क्षेत्र में होने वाली माइनिंग का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि माइनिंग रॉयल्टी से जो पैसा लिया जाता है उसका दो फीसदी हिस्सा संबंधित जिले के विकास कार्य के लिए खर्च किया जाना चाहिए. हाल ये है कि राजस्थान में गहलोत सरकार भीलवाड़ा जिले में जो माइनिंग कर रही है और रॉयल्टी का जो पैसा ले रही है. उससे क्षेत्र में विकास कार्य नहीं करा रही है, बल्कि उस पैसे को वह अपने कर्मचारियों की सैलरी में खर्च कर रही है. उन्होंने कहा कि इस पैसे से क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं पर खर्च होना चाहिए था, लेकिन सरकार ने इस फंड को संबंधित जिले में खर्च नहीं किया है.