जयपुर. दुनिया भर में छाए कोरोना वायरस के महासंकट से जयपुर के परंपरागत जवाहरात कारोबार को भी बड़ा झटका लगा है. सीधे तौर पर जयपुर में 2.50 लाख से ज्यादा लोग ज्वेलरी के काम से जुड़े हुए हैं. इनमें बड़े व्यापारियों के साथ-साथ छोटे और मझोले स्तर के दुकानदार और ज्वेलरी तैयार करने वाले कारीगर भी शामिल हैं. विभिन्न देशों से होने वाले कारोबार का काम फिलहाल पूरी तरह से ठप हो चुका है. माना जा रहा है कि जयपुर की जेवरात मंडी में इस लॉकडाउन से 5 हजार करोड़ के कारोबार पर असर पड़ेगा.
जयपुर के जेम्स एंड ज्वेलरी कारोबार पर लॉकडाउन की भारी मार देखने को मिली है. आमतौर पर शादी ब्याह से लेकर आखातीज तक सोने-चांदी के जेवरात का कारोबार जयपुर में परवान पर होता है. लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण लोग ऑनलाइन ज्वेलरी को तो देखते रहे, परंतु खरीददारी का प्रतिशत मात्र 10 फीसदी ही रहा.
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जानकारों का मानना है कि लॉकडाउन के कारण दुकानें बंद रही और इसका असर सीधे तौर पर कारोबार पर देखा गया. जाहिर है कि समय में सबसे ज्यादा शादी ब्याह के लिए लोग जेवरात खरीदा करते हैं, ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान रखते हुए लॉकडाउन की पालना के लिए बड़े आयोजन रद्द कर दिए गए. जिनमें शादियां भी सबसे ज्यादा रही.
2.50 लाख लोगों पर रोजी-रोटी का संकट
जानकारों के मुताबिक लॉकडाउन के बाद आने वाली आर्थिक संकट की आशंका और बाजार के मंदी में रहने के डर से कुछ सालों तक ज्वेलरी खरीदना लोगों की प्राथमिकता में शुमार नहीं होगा. इसका असर सीधे तौर पर उनके कारोबार पर पड़ने वाला है. जेवरात के कारोबार से जयपुर में सीधे तौर पर 2.50 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं. ऐसे में अब उनकी रोजी-रोटी पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा.
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