जयपुर. साक्षरता एवं सतत शिक्षा निदेशालय की ओर से सोमवार को राज्य के नए साक्षरता कार्यक्रम 'पढ़ना लिखना अभियान' का सोमवार को आगाज किया गया. बिड़ला ऑडिटोरियम में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्य स्तरीय कार्यक्रम में इस अभियान की शुरुआत की.
साक्षरता पढ़ना लिखना अभियान का आगाज प्रदेशभर के करीब 4 लाख 20 हजार निरक्षरों को बुनियादी आखर ज्ञान देने के लिए इस अभियान में करीब 9.63 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इनमें एक लाख पांच हजार पुरुष और 3 लाख 15 हजार महिलाओं को उनकी सुविधा के हिसाब से तय समय और जगह पर 120 घंटे की शिक्षा दी जाएगी.
यह स्वयंसेवक आधारित साक्षरता अभियान है. जिसमें ग्राम स्तर पर स्वयंसेवक आधारित साक्षरता केंद्रों की स्थापना कर हर स्वयंसेवक की ओर से 10 निरक्षर लोगों को साक्षर किया जाएगा.
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि राजस्थान में वर्ष 2020-21 के लिए साक्षरता कार्यक्रम 'पढ़ना लिखना अभियान' शुरू किया गया है. इसमें 15 साल से अधिक उम्र के निरक्षरों को साक्षर कर लाभान्वित किया जाएगा. ग्रामीण इलाकों के साथ ही शहरी क्षेत्रों में भी समान रूप से यह अभियान चलाया जाएगा. इसी के साथ Each One Teach One और विशेष महिला कक्षाएं संचालित की जाएंगी और विभिन्न विभागों के समन्वय से सरकारी योजनाओं की जानकारी नवसाक्षरों को दी जाएंगी.
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अपने संबोधन में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि भाजपा का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के बजाय आरएसएस की नीतियों को स्कूलों के माध्यम से बच्चों पर थोपने का रहा है. इसलिए वे कभी बेटियों को मिलने वाली साइकिल का रंग बदलवाते तो कभी यूनिफॉर्म का, लेकिन कांग्रेस सरकार ने हमेशा शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान दिया है.