जयपुर. राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) की राजनीति में साल 2020 के जुलाई महीने में आए सियासी तूफान में कांग्रेस (Congress) आलाकमान ने कांग्रेस के संगठन ने जो तेजी प्रदेश अध्यक्ष समेत जिला, ब्लॉक, विभाग और प्रकोष्ठ भंग करने में दिखाई, अब संगठन को भंग करने की वही तेजी कांग्रेस संगठन के ढांचे को वापस खड़े करने पर भारी पड़ रही है. हालात यह है कि राजस्थान में गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) को प्रदेश अध्यक्ष पद संभाले 13 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन अब तक प्रदेश में जिला और ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बनाए जा सके हैं. वहीं, इन जिलों और ब्लॉक की कार्यकारिणी गठन की बात करना तो अपने आप में ही बेईमानी होगी.
हर तारीख पर संगठन के विस्तार की नई तारीख
राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) के अध्यक्ष पद का पदभार संभालने के बाद कई बार ऐसे मौके आए जब नेताओं की ओर से यह कहा गया कि जल्द ही कांग्रेस संगठन के जिला और ब्लॉक अध्यक्ष बना दिए जाएंगे. चाहे राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा हो या फिर राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन दोनों ही कई बार संगठन के विस्तार को लेकर समय का ऐलान कर चुके हैं. लेकिन, हकीकत यह है कि 13 महीने का समय राजस्थान में कांग्रेस ने बिना जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष के निकाल दिए. ऐसे में राजस्थान कांग्रेस के संगठन की मजबूती का अंदाजा अपने आप ही लग सकता है.
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बीच का रास्ता भी अटका
दरअसल, राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के कुल 39 जिला अध्यक्ष बनाए जाते हैं, लेकिन राजस्थान में गहलोत-पायलट कैंप (Gehlot-Pilot) के बीच टकराव जिस तरीके से चल रहा है उसने जिला अध्यक्षों की घोषणा को भी रोक दिया. ऐसे में कांग्रेस (Congress) पार्टी ने बीच का रास्ता निकालते हुए जुलाई महीने में यह तय किया था कि वह 15 से 20 उन जिलों में अध्यक्ष घोषित कर देगी जहां किसी तरीके का कोई विवाद नहीं है. लेकिन, राजस्थान कांग्रेस में दोनों गुटों के बीच मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर बात इतनी खींच गई है कि अब कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार से पहले गैर विवादित जिलों में अध्यक्ष घोषित करने में भी संशय है. जब तक प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो जाता है तब तक जिला अध्यक्षों की घोषणा मुश्किल ही होगी.
39 जिलों ओर 400 ब्लॉक के अध्यक्ष और उनकी कार्यकारिणी पेंडिंग
राजस्थान कांग्रेस ने अपने संगठन को 39 जिलों और 400 ब्लॉक में बांट रखा है. ऐसे में 39 जिला अध्यक्ष और उनकी कार्यकारिणी के साथ ही राजस्थान के 400 ब्लॉक के ब्लॉक अध्यक्ष और उनकी कार्यकारिणी पिछले 13 महीनों से घोषित नहीं की जा सकी है. ऐसे में कांग्रेस (Congress) पार्टी का संगठन क्योंकि निचले स्तर पर तैयार नहीं हो सका है, जिसके चलते संगठन का कामकाज प्रभावित हो रहा है. यहां तक कि संगठन के जिलों और ब्लॉक स्तर में नहीं होने के चलते गांव की पार्टी मानी जाने वाली कांग्रेस को साल 2020 में इसका खामियाजा उठाना पड़ा. गांव की सरकार बनाने में ही कांग्रेस सत्ताधारी दल होने के बावजूद विपक्षी दल भाजपा से पिछड़ गई.
विधायकों और संगठन के पदाधिकारियों से चर्चा हुए भी निकले 24 दिन
राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन वैसे तो कई बार मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) के साथ ही संगठन में जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष कब बनेंगे, इसको लेकर तारीखों का एलान कर चुके हैं. लेकिन, राजस्थान की परिस्थितियों के चलते अब उन्होंने तारीख देना बंद कर दिया है. हालात यह है कि प्रदेश कांग्रेस संगठन में जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष को लेकर संगठन के पदाधिकारियों के साथ ही विधायकों से भी रायशुमारी की जा चुकी है, लेकिन उस रायशुमारी के भी 24 दिन निकल चुके हैं. लेकिन, अब तक जिला अध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा का दूर-दूर तक कोई नामोनिशान दिखाई नहीं दे रहा है.
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छोटी कार्यकारिणी में भी लगा था 6 महीने का समय
ऐसा नहीं है कि राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) के संगठन में नियुक्तियां देने में पहली बार देरी हो रही है, बल्कि मुख्य संगठन के पदाधिकारी बनाने में भी कांग्रेस पार्टी को 6 महीने से ज्यादा का समय लग गया था. दरअसल, राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा 14 जुलाई 2020 को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने थे, लेकिन उन्हें अपनी छोटी कार्यकारिणी लाने में भी 6 महीने का समय लग गया था.
बनाए जा सकते है 2 नगर निगमों वाले जिलों में 2 अध्यक्ष
राजस्थान में एक ओर जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष के साथ ही समस्त जिलों और ब्लॉक की कार्यकारिणी पेंडिंग पड़ी है. तो दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि जयपुर, जोधपुर और कोटा में नगर निगम की संख्या 1 से बढ़ाकर 2 की गई है तो वहां जिला अध्यक्ष भी अब दो बनाए जा सकते हैं.