जयपुर. देश में लॉकडाउन 2.0 का शनिवार को 40वां दिन है. इन 39 दिनों से पूरे देश में कहीं भी शराब की दुकानें नहीं खुली है. वहीं, शराब हर सरकार के लिए रेवेन्यू का पेट्रोल डीजल के बाद बड़ा संसाधन होता है. ऐसे में सरकारों के लिए भी यह राहत की खबर है. कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी सब जगह शर्तों के साथ शराब की दुकानें खुल सकेगी.
प्रदेश में शराब बंद होने से सरकार को तो करीब 1500 करोड़ का रेवेन्यू का नुकसान हुआ है ही इसके साथ ही शराब की दुकाने चलाने वाले भी इससे कम परेशान नहीं है. लॉकडाउन पर शराब के उन व्यापारियों पर दोहरी मार पड़ी है. जिनको नई शराब की दुकानें आवंटित नहीं हुई है और पुरानी शराब लॉकडाउन के चलते दुकानों में ही पड़ी रह गई है. इन्हें अपनी शराब को बेचने के लिए सरकार कोई राहत दे सकती है.
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वहीं, वह दुकानदार जिन्हें इस साल के लिए नए लाइसेंस मिल गए हैं. लेकिन वह 1 महीने से अपनी दुकाने नहीं खोल पाए हैं, उन्हें सरकार से पूरी सप्लाई लेनी होगी. हालांकि राज्य में ज्यादातर जगह शराब की सप्लाई इन शराब के व्यापारियों ने नहीं उठाई. क्योंकि अगर वह सप्लाई उठा भी लेते है, तो उसे बेच नहीं सकते.
ऐसे में राजस्थान स्टेट ब्रेवरीज कॉरपोरेशन लिमिटेड के जो गोडाउन है उन पर भारी तादाद में शराब इकट्ठी है. क्योंकि शराब दुकानों पर सप्लाई नहीं हो पाई, तो वहीं ज्यादातर दुकानदार वह है. जिनके सामने संकट खड़ा हो गया है कि जब लॉकडाउन खुलेगा तो विभाग की ओर से फिजिकल करके यह देखा जाएगा कि उनके पास कितना स्टॉक है. अगर उस दुकानदार को दोबारा इस साल के लिए भी लाइसेंस अलॉट हुआ है तो उसको वह शराब रोलओवर कर दी जाएगी अन्यथा शराब को जब्त करने का निर्णय भी लिया जा सकता है.