जयपुर. राज्य की सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों को खाद, बीज और कीटनाशक बेचने के लिए लाइसेंस जारी किए जाएंगे. समितियों को पात्र बनाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से संबंधित समिति के पात्र कार्मिक को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए 15 से 30 सितंबर तक प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी.
सहकारिता एवं कृषि प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा और रजिस्ट्रार सहकारिता मुक्तानंद अग्रवाल ने शनिवार को ब्लाॅक लेवल की वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग की. इस वीसी में करीब 4 हजार सहकार कर्मी जुड़े. इन कर्मचारियों में सहकारी समितियों के व्यवस्थापक, निरीक्षक, सहायक रजिस्ट्रार, उप रजिस्ट्रार, संयुक्त रजिस्ट्रार, अतिरिक्त रजिस्ट्रार सहित काॅनफैड, सहकारी बैंकों, राजफैड में प्रतिनियुक्त अधिकारी शामिल रहे.
दो हजार नई सहकारी समितियां बनेगी
मीणा ने कहा कि अभी राजस्थान में 6545 ग्राम सेवा सहकारी समितियां कार्यरत हैं. उन्होंने ग्राम स्तर पर अधिक से अधिक व्यक्तियों और किसानों को सहकारिता के दायरे में लाकर उन्हें लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्देश दिए.
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जिसके तहत कहा कि साल 2022-23 तक 2 हजार नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन किया जाए. उन्होंने सभी उप रजिस्ट्रार को निर्देश दिए कि इस वित्तीय वर्ष में 1 हजार नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन का लक्ष्य पूरा करें.
समितियों की आय में होगी वृद्धि
मीणा ने कहा कि ब्लाॅक लेवल पर नियुक्त सहकारिता निरीक्षक के कार्य दायित्व एवं लक्ष्य निर्धारित किए जा रहे हैं. जिससे राज्य सरकार के निर्णयों का लाभ ग्रासरूट लेवल के व्यक्ति तक पहुंच सके. उन्होंने कहा कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से ही अनुदानित बीजों का बेचान किया जायेगा.
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