जयपुर. कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर दिन हजारों की संख्या में पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं और सैकड़ों काल का ग्रास बन रहे हैं. जिसके मद्देनजर राज्य सरकार लॉकडाउन आगे बढ़ाने का भी मन बना रही है.
हालांकि, इससे पहले सरकार की ओर से कोरोना मरीजों, उनके परिजनों, अस्पताल के कर्मचारियों और प्रत्येक जरूरतमंद को इंदिरा रसोई योजना के तहत निःशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई है. अब यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इंदिरा रसोई का संचालन करने वालों को सख्त हिदायत दी है कि जरूरतमंद से भोजन का कोई पैसा नहीं लिया जाए और यदि ऐसी शिकायत मिलती है तो उनका लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा.
प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन कोरोना संक्रमितों को इंदिरा रसोई से निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने के बाद राजस्थान सरकार ने लॉकडाउन पीरियड में प्रत्येक जरूरतमंदों को भी निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने का फैसला लिया. हालांकि कुछ जगह से भोजन का शुल्क लिए जाने की मिल रही शिकायतों को लेकर यूडीएच मंत्री ने दो टूक चेतावनी दी है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आदेश है कि इंदिरा रसोई के जरिए जो भी व्यक्ति भोजन करने आता है, उससे कोई पैसा नहीं लिया जाए. स्वेच्छा से यदि कोई पैसा देता है, तो उसकी मर्जी है. बाकी सारा खर्चा सरकार वहन करेगी. ये आदेश सभी जगह जारी कर दिए गए हैं. लेकिन, कई स्थानों से ऐसी शिकायत मिलती है इंदिरा रसोई संचालित करने वाले लोग पैसा लेते हैं जो पूरी तरह गलत है.