जयपुर.सियासत से जुड़े हर एक शख्स की किसी ना किसी नेता में आस्था और निष्ठा होती है और वो समय-समय पर उसे प्रदर्शित भी करता है. प्रदर्शन के माध्यम कई हो सकते हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर जारी पोस्टर और होर्डिंग वर्तमान में इसका प्रमुख जरिया बना हुआ है. वहीं, प्रदेश भाजपा में पोस्टर विवाद के बीच और समय के साथ अब कई नेताओं के निष्ठा का केंद्र भी बदल गया है.
राजस्थान भाजपा में 2 केंद्रों में बंटे नेता प्रदेश भाजपा में 2 केंद्रों में बंटे नेता
दरअसल, राजस्थान भाजपा नेता इन दिनों प्रमुख रूप से 2 केंद्रों में बंटे हुए हैं. पहला केंद्र है पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे का जबकि दूसरा केंद्र है पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया का. नेताओं का एक वर्ग फिलहाल तटस्थ है. प्रदेश में भाजपा विपक्ष में है, लिहाजा कार्यकर्ता और नेताओं को यदि कुछ मिल सकता है तो वो है केवल संगठन में पद और जिम्मेदारी. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के प्रति बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और नेताओं की निष्ठा भी अब सामने आने लगी है.
केंद्रीय मंत्री और सांसदों के जारी पोस्टर-बैनर में हो रही निष्ठा प्रदर्शित
प्रदेश भाजपा में नेताओं का एक वर्ग ऐसा भी है, जिन्हें प्रदेश संगठन में किसी पद की लालसा नहीं है, क्योंकि वह खुद या तो मोदी सरकार में मंत्री हैं या केंद्र में अच्छे पद पर मौजूद हैं. राजस्थान से मोदी सरकार में मंत्री या केंद्र स्तर पर बड़े पदों पर आसीन नेताओं के सोशल मीडिया में जारी बैनर और पोस्टर में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के फोटो तो हैं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे का फोटो गायब है.
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वहीं, सांसदों की बात की जाए तो कभी वसुंधरा राजे के नजदीकी माने जाने वाले जयपुर सांसद रामचरण बोहरा के सोशल मीडिया में जारी पोस्टर्स में अब राजे का चेहरा गायब है. लेकिन पूनिया का चेहरा भी इनके पोस्टर में कम ही नजर आता है. जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर और राजसमंद सांसद दीया कुमारी के ट्विटर और फेसबुक पर समय-समय पर जारी होने वाले होर्डिंग-पोस्टर में भी वसुंधरा राजे का चेहरा पूरी तरह से गायब है, लेकिन मोदी, नड्डा और पूनिया के चेहरा को यथोचित स्थान इनके पोस्टर बैनर में मिलता है.
कटारिया के पोस्टर में पूनिया, राठौड़ ने राजे-पूनिया से किया किनारा
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के सोशल मीडिया पर जारी होने वाले बैनर पोस्टर की बात की जाए तो उसमें वसुंधरा राजे गायब है, लेकिन पीएम मोदी, नड्डा और पूनिया को पूरा स्थान दिया गया है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी के पोस्टर की भी यही स्थिति है. वहीं, उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने अपने पोस्टर से सतीश पूनिया और वसुंधरा राजे दोनों को गायब कर केवल पीएम मोदी और नड्डा को ही स्थान दिया है.
लाहोटी-रामलाल के पोस्टर पर केवल पूनिया
इसी तरह वसुंधरा राजे की नजदीकी माने जाने वाले विधायक अशोक लाहोटी के सोशल मीडिया पर जारी पोस्टरों में अब वसुंधरा राजे नहीं बल्कि सतीश पूनिया की फोटो प्राथमिकता से दिखाई दे रही है. वहीं, चौमू विधायक रामलाल के पोस्टर्स में भी पूनिया ही छाए हैं, लेकिन वसुंधरा राजे के नजदीकी विधायक कालीचरण सराफ के सोशल मीडिया में जारी पोस्टरों में राजे और पूनिया दोनों को पूरी तवज्जो दी जा रही है.
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राष्ट्र प्रथम का सिद्धांत और विचारधारा वाली भाजपा के अधिकतर नेता इन दिनों निष्ठा प्रथम की लाइन पर चल रहे हैं. बड़े नेताओं के प्रति यही निष्ठा जताने और दिखाने के चक्कर में हाल ही में प्रदेश भाजपा में पूर्व मंत्री यूनुस खान और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के बीच का विवाद भी जग जाहिर हो गया. वहीं, निष्ठा के इस खेल में हो सकता है कि नेताओं और कार्यकर्ताओं को क्षणिक सियासी फायदा मिल जाए, लेकिन इससे नुकसान पार्टी को ही होगा.