जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एलडीसी भर्ती-2013 से जुड़े मामले (LDC Recruitment 2013) में अभ्यर्थियों को अदालती आदेश के बावजूद नोशनल परिलाभ नहीं देने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख पंचायती राज सचिव राजेश्वर सिंह, टोंक जिला परिषद के सीईओ नवनीत कुमार और बीडीओ ताराचंद जाटव को अवमानना नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई अमल में लाई जाए. जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश मुकेश कुमार की अवमानना याचिका पर दिए.
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याचिका में कहा गया कि एलडीसी भर्ती-2013 (LDC Recruitment 2013) से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने 18 अगस्त 2018 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता और 10 अन्य को नोशनल परिलाभ के लिए जिला परिषद में अपना अभ्यावेदन देने को कहा था. जिसकी पालना में नौ याचिकाकर्ताओं ने बूंदी जिला परिषद के समक्ष अभ्यावेदन पेश किया, जिसका निपटारा करते हुए बूंदी जिला परिषद सीईओ ने 21 जनवरी 2019 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ताओं को परिलाभ दे दिया.
याचिकाकर्ता ने 11 अक्टूबर 2018 को टोंक जिला परिषद के सीईओ को अभ्यावेदन दिया, लेकिन उसका अभ्यावेदन तय नहीं किया गया. याचिका में कहा गया कि एक ही आदेश से हाईकोर्ट 11 अभ्यर्थियों को राहत दी थी, लेकिन अवमाननाकर्ता अफसरों ने याचिकाकर्ता को लेकर आदेश की पालना नहीं की. ऐसे में दोषी अफसरों को दंडित किया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.