जयपुर. रेलवे की ओर से उत्तर पश्चिम रेलवे में पिछले कुछ समय से रेलवे ट्रैक पर बिजली के तार बिछाने का काम किया जा रहा है, लेकिन वास्तविकता में प्रदेश में अभी करीब 500 किलोमीटर में ही इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलाई जा रही है. बता दें कि हकीकत में रेलवे अधिकारी इन दिनों काम को पूरा करने और ट्रेन चलाने में कम और रेल मंत्री और सीआरबी कि गुड्स बुक में नाम शामिल करने में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं.
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ऐसा इसलिए क्योंकि राजस्थान में 5493 किलोमीटर क्षेत्रफल में पहले रेलवे ट्रैक पर 1885 किलोमीटर ट्रैक पर विद्युतीकरण तो कर लिया गया है, लेकिन अभी ट्रेन को महज 500 किलोमीटर में ही चलाया जा रहा है. जबकि साल 2019 में यह महज 200 किलोमीटर ट्रैक पर दौड़ रही थी. बता दें कि बस 19 सितंबर 2019 में उत्तर पश्चिम रेलवे के अपर महाप्रबंधक एसके अग्रवाल ने विद्युत विभाग के अधिकारियों से इलेक्ट्रिफिकेशन को लेकर कई सवाल जवाब किए थे.
जिसमें अधिकारियों ने उन्हें इलेक्ट्रिक किए जा चुके रूट की जानकारी भी दी थी. इस पर अग्रवाल ने सभी को फटकार लगाते हुए निर्देश दिए थे, कि से जुड़े काम तय समय सीमा में पूरा करने के साथ किए जा चुके इलेक्ट्रीफाइड रूट पर ट्रेनों का संचालन शुरू करने की परेशानी आती है. तो उसे उच्च अधिकारी का तबादला हो चुका है और रेलवे के अधिकारियों को बताए.