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मंदी के दौर में जमीन जायदाद खरीदना हुआ महंगा, DLC दरों में 15 फीसदी तक का इजाफा

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Published : Aug 30, 2019, 10:27 PM IST

जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में जमीन की डीएलसी दरों को लेकर जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक में जमीनों की डीएलसी दरें बढ़ाने का मामला आया तो कांग्रेस और बीजेपी के विधायक एकजुट नजर आए. उन्होंने डीएलसी दरें बढ़ाने का विरोध किया.

jaipur news, जयपुर में डीएलसी रेट बढ़ी

जयपुर. मंदी के दौर में जमीन जायदाद खरीदना महंगा हो गया है. जयपुर शहर में आवासीय इलाकों में डीएलसी की दरें 15 फीसदी तक बढ़ोतरी की गई है. 2017 के बाद डीएलसी दरों में यह बदलाव किया गया है. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट सभागार में हुई डीएलसी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है. 500 कॉलोनियों की एक नई श्रेणी बनाकर डीएलसी दरें तय की गई हैं.

जयपुर में जमीन जायदाद खरीदना हुआ महंगा

इस बैठक में एक खास बात देखने को मिली. अमूमन एक दूसरे का विरोध करने वाले कांग्रेस और भाजपा के विधायक बैठक में डीएलसी दरों की बढ़ोतरी का विरोध एक साथ करते नजर आए. विधायकों ने कहा यह मंदी का दौर है और इस मंदी के दौर में डीएलसी की दरें नहीं बढ़ने चाहिए. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे मंदी बढ़ रही है वैसे-वैसे रजिस्ट्रियों की संख्या भी कम होती जा रही है.

विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में डीएलसी रेट यथावत रखने की मांग की और डीएलसी रेट नहीं बढ़ाने के लिए अपना अपना पक्ष भी विधायकों ने बैठक में रखा. वहीं, लंबी चर्चा के बाद बैठक में जमीन की डीएलसी रेट बढ़ाने पर सहमति बनी. जिसके बाद अब आवासीय भूमि पर डीएलसी 15 फीसदी तक बढ़ेगी. विधायकों ने कहा कि इस मंदी के दौर में डीएलसी रेट कैसे बढ़ाई जा सकती है.

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फीड होते ही लागू होगी नई दरें...
जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि नई रेट सॉफ्टवेयर में फीड होते ही लागू कर दी जाएगी. कुछ जगह ऐसी भी थी जहां डीएलसी रेट का निर्धारण नहीं था, वहां भी नई श्रेणी बनाकर दरों का निर्धारण कर दिया गया है. राष्ट्रीय राजमार्ग, मेगा हाईवे के पास गांव की जमीनों की डीएलसी रेट भी बढ़ाई गई हैं.

इन विधायकों ने किया विरोध...
इस बैठक में कांग्रेस विधायक रफीक खान, लक्ष्मण मीणा, इंद्राज गुर्जर, वेद प्रकाश सोलंकी और भाजपा विधायकों में कालीचरण सराफ, रामलाल शर्मा, नरपत सिंह राजवी मौजूद थे. कांग्रेस विधायकों ने डीएलसी दरों की बढ़ोतरी को अव्यवहरिक बताया. वहीं, भाजपा विधायकों ने डीएलसी दरें कम करने की मांग की. इंद्राज गुर्जर ने कहा कि जिन कॉलोनियों में बिजली, पानी और सड़क नहीं है वहां की डीएलसी रेट पहले बढ़ा दी गई थी. उन्होंने उन डीएलसी दरों को कम करने की मांग की.

2017 में बढ़ी थी दरें, 2018 में भाजपा ने ने घटा दी थी...
आपको बता दें कि 2017 में डीएलसी रेट 10 फीसदी तक बढ़ाई गई थी. इसके बाद 2018 में विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा सरकार ने डीएलसी दरें 10 फीसदी घटा दी थी. डीएलसी दरों की बढ़ोतरी के बाद सरकार के खजाने में बढ़ोतरी होगी. इसके चलते जमीन खरीदने वालों को स्टांप ड्यूटी ज्यादा देनी पड़ेगी और सरकार की आय बढ़ेगी. डीएलसी रेट बढ़ाने से किसानों को भी फायदा होगा. यदि सरकार उनकी जमीन अवाप्त करती है तो सरकार को उनको ज्यादा पैसा देना होगा.

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