जयपुर.प्रदेश में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. बढ़ते कोरोना वायरस का असर पर्यटन व्यवसाय पर भी पड़ने लगा है. जिसके चलते गुलाबी नगरी में सैलानियों की संख्या कम हो गई है. ऐसे में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए रोजगार का संकट खड़ा हो गया है.
प्रदेश में कोरोना का प्रभाव कम होने से पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की रौनक बढ़ने लगी थी. लेकिन एक बार फिर कोरोना के नए स्ट्रेन के प्रभाव को देखते हुए पर्यटन व्यवसाय पर प्रभाव होने का डर सताने लगा है. फिर से पर्यटन पर कोरोना की काली छाया नहीं हो, उसके लिए सरकार की गाइडलाइन की पालना करवाई जा रही है. कोरोना के प्रभाव के चलते पर्यटक स्थलों पर सैलानियों की संख्या कम होने लगी है.
वहीं इसका दूसरा कारण होली का त्यौहार भी माना जा रहा है. क्योंकि घरेलू पर्यटक होली के त्यौहार पर अपने घरों में ही सेलिब्रेट करते हैं. ऐसे में पर्यटक स्थलों पर सैलानियों की संख्या कम हो गई है. होली के त्यौहार के बाद पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद लगाई जा रही है. पिछले दिनों आमेर महल में करीब 3000 से अधिक पर्यटक पहुंच रहे थे. लेकिन अब आमेर महल में करीब 2000 पर्यटक पहुंच रहे हैं.
आमेर महल अधीक्षक पंकज धरेंद्र का मानना है कि पर्यटन सीजन मार्च महीने तक ही रहता है. जिसके कारण भी पर्यटकों की संख्या में कमी आई है. इसके साथ ही मार्च के अंतिम दिनों में होली और धुलण्डी के कारण भी पर्यटक अपने घरों में ही होली का पर्व मना रहे हैं. जिससे पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों की संख्या कम हुई है. कोरोना के नए इस ट्रेन के चलते पर्यटक कोरोना के बचाव के लिए मास्क सैनिटाइज और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कर रहे हैं.