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JCTSL का स्टैंडिंग ऑर्डर अब तक पंजीकृत नहीं, सैकड़ों कर्मचारी टर्मिनेट...महंगाई भत्ता और इंक्रीमेंट भी अटका

2013 से अब तक जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के स्टैंडिंग ऑर्डर अब तक श्रम विभाग में पंजीकृत नहीं हो पाए हैं. हालांकि जेसीटीएसएल (Jaipur City Transport Services Limited) प्रशासन का तर्क है कि श्रम विभाग ने इसकी आवश्यकता से इनकार कर दिया है. जबकि एंप्लाइज यूनियन का आरोप है कि स्टैंडिंग ऑर्डर पंजीकृत नहीं होने की वजह से उनका इंक्रीमेंट से लेकर महंगाई भत्ता तक रुका हुआ है.

Jaipur City Transport Services Limited
जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड

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Published : Feb 15, 2022, 7:33 AM IST

Updated : Feb 15, 2022, 10:09 AM IST

जयपुर. 2013 से अब तक जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के स्टैंडिंग ऑर्डर अब तक श्रम विभाग में पंजीकृत नहीं हो पाए है. हालांकि जेसीटीएसएल (Jaipur City Transport Services Limited) प्रशासन का तर्क है कि श्रम विभाग ने इसकी आवश्यकता से इनकार कर दिया है. जबकि एंप्लाइज यूनियन का आरोप है कि स्टैंडिंग ऑर्डर पंजीकृत नहीं होने की वजह से उनका इंक्रीमेंट से लेकर महंगाई भत्ता तक रुका हुआ है.

बीते दिनों श्रम विभाग से जेसीटीएसएल को एक पत्र मिला था. जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा है कि जेसीटीएसएल का स्टैंडिंग ऑर्डर पंजीकृत (Standing Order Registered) नहीं किया जा सकता. जिसका कारण फैक्ट्री लाइसेंस जेसीटीएसएल के नाम पर नहीं होकर अन्य संस्थान के नाम पर होना बताया गया है. साथ ही स्पष्ट किया गया कि जेसीटीएसएल (JCTSL) में कार्यरत चालक-परिचालक मोटर व्हीकल वर्कर्स एक्ट के तहत आते हैं. इंडस्ट्रियल एंप्लॉयमेंट (स्टैंडिंग ऑर्डर) एक्ट (Industrial Employment Act) के तहत नहीं है.

जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड

इस पर जेसीटीएसएल एंप्लाइज यूनियन (JCTSL Employees Union) ने कहा कि ये डिपार्टमेंट की लापरवाही है कि उनके कर्मचारियों पर जो सेवा नियम लागू हो रहे हैं, उनका पंजीयन ही नहीं कराया गया. इस पर उन्होंने हाई कोर्ट से स्टे लिया हुआ है. यूनियन ने सवाल उठाया कि जब सेवा नियम ही नहीं बने हुए तो 250 कर्मचारियों को टर्मिनेट किस आधार पर किया गया. साथ ही उन्होंने बताया कि वर्तमान में करीब 80 कर्मचारी अस्थायी हैं. उनका प्रोबेशन पीरियड पूरा होने के बावजूद अब तक उन्हें रेगुलर नहीं किया गया. यही नहीं कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और इंक्रीमेंट भी स्टैंडिंग ऑर्डर की आड़ में डिपार्टमेंट कर्मचारियों पर लागू नहीं कर रहा है.

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वहीं जेसीटीएसएल ओएसडी आशीष कुमार ने तर्क दिया कि स्टैंडिंग ऑर्डर का जो विवाद है, वो उच्च न्यायालय में लंबित है. हालांकि पूर्व में जो हाई कोर्ट का निर्णय था उसके अनुसार स्टैंडिंग ऑर्डर को बोर्ड से अनुमति प्राप्त कराया जाना था. वो प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. जहां तक श्रम विभाग का संबंध है, तो श्रम विभाग को ये प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन वहां से जवाब आया कि जेसीटीएसएल कंपनी को श्रम विभाग से प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है.

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जेसीटीएसएल के डिपो में जो वेंडर्स काम कर रहे हैं, वो पहले ही श्रम विभाग से पंजीकृत हैं. उन्होंने बताया कि जेसीटीएसएल ने जो लाइसेंस पेश किया था, उसे श्रम विभाग ने ये कहते हुए स्वीकार नहीं किया की जेसीटीएसएल के कर्मचारी मोटर व्हीकल वर्कर्स एक्ट के नियमों के तहत आते हैं. जेसीटीएसएल, इंडस्ट्रियल एम्प्लॉयमेंट एक्ट की परिधि में नहीं आता. बहरहाल, स्टैंडिंग ऑर्डर्स को लेकर जेसीटीएसएल का अभी भी श्रम विभाग से पत्राचार जारी है. जेसीटीएसएल प्रशासन का दावा है कि यदि किसी भी तरह की प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी करने की आवश्यकता होगी, तो उसे पूरा कर लिया जाएगा.

Last Updated : Feb 15, 2022, 10:09 AM IST

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