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सरकार सुविधाएं देने के वादे कर रही है, लेकिन सुविधाएं हैं कहां...? : मजदूर - जयपुर पलायन

सरकार की तमाम कोशिशो के बावजूद भी बाहरी राज्यों के मजदूरों का पलायन थम नहीं रहा है. जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग से बाहरी राज्यों के बड़ी संख्या में मजदूरों का साइकिल और पैदल ही पलायन का नजारा आम हो गया है. मजदूरों का कहना है कि सरकार ट्रेन, बस चलाने और खाना देने का दावा तो कर रही है लेकिन इन व्यवस्थाओं की कोई जानकारी नहीं है.

मजदूरों का पलायन, migration of laborers
साइकिल से ही नाप सैंकड़ों किलोमीटर

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Published : May 17, 2020, 8:01 PM IST

जयपुर.सरकार की तमाम अपील और कोशिशों के बावजूद भी बाहरी राज्यों के मजदूरों का पलायन थम नहीं रहा है. लॉकडाउन के बीच अपने घर पहुंचने की बेताबी इस कदर है कि ये मजदूर सैकड़ों किमी की दूरी साइकिल या फिर पैदल ही नाप रहे हैं. इन मजदूरों का कहना है कि सुविधाएं देने के दावे तो खूब किए जा रहे हैं, लेकिन सुविधाएं कहां हैं.

साइकिल से ही नाप सैंकड़ों किलोमीटर

शाहपुरा से गुजर रहे जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग से बाहरी राज्यों के बड़ी संख्या में मजदूरों का साइकिल और पैदल ही पलायन का नजारा आम हो गया है. झुंझुनू से यूपी, बिहार, एमपी के लिए साइकिल से ही दो दिन का सफर तय कर मजदूर शाहपुरा पहुंचे. इन मजदूरों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि लॉकडाउन की वजह से रोजगार छीन चुका है. उन्हें न रोजी-रोटी मिल रही है और न ही सरकारी सुविधाएं. हालात यह हो गए है कि खाने के पैसे तक नहीं बचे हैं. भूखे मरने की नौबत आ गई है.

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लॉकडाउन का पता नहीं, कब तक चलेगा. ऐसे में बिना रोजी-रोटी के कैसे रहेंगे. इसलिए साइकिल से ही अपने गांव के लिए रवाना हुए हैं. मजदूरों का कहना है कि सरकार ट्रेन, बस चलाने और खाना देने का दावा तो कर रही है लेकिन इन व्यवस्थाओं की कोई जानकारी नहीं है. खैर, इन मजदूरों की मंजिल अभी काफी दूर है और रास्ता मुश्किल. लेकिन, तमाम मुसीबतों के बावजूद इनका हौसला कम नहीं हुआ है. ये किसी भी कीमत पर अपने घर पहुंचने की ठान चुके हैं.

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