जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने लैब असिस्टेंट भर्ती-2018 में अभ्यर्थियों के अनुभव की सही गणना नहीं करने और अवकाश के दिनों को अनुभव में शामिल नहीं करने से जुडे़ मामले में चिकित्सा विभाग को निर्देश दिए (Court on lab assistant recruitment 2018) हैं. अदालत ने विभाग को कहा है कि वह इस संबंध में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश आपत्तियों का चार सप्ताह में निस्तारण करे. वहीं भर्ती में योग्य पाए जाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रदान करे. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश राजेश सिंह व अन्य की 125 याचिकाओं का निस्तारण करते हुए दिए.
लैब असिस्टेंट भर्ती 2018: चिकित्सा विभाग आपत्तियों का चार सप्ताह में करे निस्तारण - Court on lab assistant recruitment 2018
राजस्थान हाईकोर्ट ने लैब असिस्टेंट भर्ती 2018 में अभ्यर्थियों के अनुभव की गणना और अवकाश के दिनों को लेकर चिकित्सा विभाग को चार सप्ताह में आपत्तियों के निस्तारण के निर्देश दिए (Court on lab assistant recruitment 2018) हैं. कोर्ट में पेश याचिकाओं में कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं के अनुभव व अवकाश के दिनों की सही गणना नहीं की गई, जिससे वे चयन से वंचित रह गए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं ने लैब असिस्टेंट भर्ती में भाग लिया था. भर्ती प्रक्रिया के दौरान विभाग ने उनके समय-समय पर प्राप्त किए अनुभव की गणना सही नहीं की. इसके अलावा अनुभव के लिए हर माह में 26 कार्य दिवस ही माने गए और रविवार सहित अन्य अवकाश के दिनों को अनुभव की अवधि में शामिल नहीं किया गया. जिसके चलते याचिकाकर्ता चयन से वंचित हो गए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने विभाग को याचिकाकर्ताओं की आपत्तियों का चार सप्ताह में निस्तारण करने को कहा है.
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