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तौकते तूफान को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट, ऑक्सीजन प्लांट, अस्पतालों व कोविड केयर सेंटर में करवाई बिजली सप्लाई की ऑडिट - कोटा में साइक्लोन

तूफान तौकते के असर से किसी भी अस्पताल या ऑक्सीजन प्लांट पर बिजली की सप्लाई बाधित नहीं हो, इसको लेकर कोटा जिला प्रशासन ने सभी बिजली प्लांटों और कोविड-19 अस्पतालों की ऑडिट करवाई है. जहां भी संभावनाएं थी, वहां पर जनरेटर सेट भी स्थापित करवाए गए हैं.

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तौकते तूफान को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट

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Published : May 18, 2021, 7:12 AM IST

कोटा.तौकते तूफान को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गया है. दूसरी तरफ कोविड-19 से बचाव के लिए महामारी रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़ा चल रहा है. ऐसे में किसी भी अस्पताल या ऑक्सीजन प्लांट पर बिजली की सप्लाई बाधित नहीं हो, इसका भी ध्यान जिला प्रशासन रख रहा है. जिला प्रशासन ने सभी बिजली प्लांटों और कोविड-19 अस्पतालों कि ऑडिट करवाई है. वहां पर जनरेटर की व्यवस्था है या नहीं. जिन जिन जगह पर भी जनरेटर लगे हुए हैं, उनका ट्रायल लिया गया है.

तौकते तूफान को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट

साथ ही ऑक्सीजन प्लांट संचालकों को निर्देशित किया है कि वह सभी जगह डीजी सेट लगा ले, अगर 1 से 2 घंटे बिजली आपूर्ति बाधित भी होती है, तो वह डीजी के जरिए बिजली की सप्लाई को चालू रखें. ताकि ऑक्सीजन का जनरेशन बंद नहीं हूं और अस्पतालों तक पूरी पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचती रहे. इसकी पूरी जिम्मेदारी कोटा शहर में तो कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड को सौंप दी है.

साथ ही ग्रामीण इलाके में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को इसकी ऑडिट का जिम्मा सौंपा गया है. आज सभी जगह पर केईडीएल और जेवीवीएनएल की टीमें पहुंची और उन्होंने जनरेटर लगाकर ट्रायल भी सभी जगह लिया है. इस दौरान जिला प्रशासन की तरफ से लगाए गए नोडल ऑफिसर भी मौजूद रहे और उन्होंने भी पूरी व्यवस्थाओं को देखा है.

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केईडीएल के टेक्निकल हेड ओनिमित्रो डाली का कहना है कि उन्होंने कोटा विश्वविद्यालय के साथ-साथ अस्पतालों और अन्य सभी जगह जो कि शहरी क्षेत्र में है और उनकी सप्लाई में आते हैं. वहां पर जाकर व्यवस्थाएं देखी है और जनरेटर भी लगवाए गए हैं. इसी तरह से ऑक्सीजन प्लांट में भी उन्होंने व्यवस्थाओं को देखा है. इस दौरान कॉपरेटिव बैंक के एमडी बलविंदर सिंह गिल, रीको के सीनियर रीजनल मैनेजर एसके गर्ग, ड्रग कंट्रोल ऑफिसर रोहिताश नागर, कोटा ऑफ सीजन के मैनेजर मुकेश कपूर, इंजीनियर जितेंद्र राठौड़ और प्रमोद बैरागी मौजूद थे.

इमरजेंसी में चालू रहे बिजली यही प्राथमिकता

कोटा यूनिवर्सिटी के कोविड-19 केयर सेंटर में अधिकांश मरीजों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के द्वारा ही ऑक्सीजन दी जा रही है. ऐसे में अगर वहां पर बिजली बाधित होती है, तो जनरेटर सुचारू काम कर रहे हैं या नहीं यह भी देखा गया है. उनकी ट्रायल भी ली गई है, ताकि मरीजों को किसी तरह की समस्या नहीं आए. इमरजेंसी के समय जब घंटों शहर की बिजली तूफान के चलते बाधित हो, तब भी सुचारू बिजली इन सब जगह पर मिलती रहे इसकी ही प्राथमिकता है.

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