जयपुर. भारत में फैल रहे कोरोना संक्रमण की मामलों के बाद संक्रमित मरीजों की जांच और जल्द रिपोर्ट को लेकर एक सिस्टम की मांग की जा रही थी. इस बीच भारत सरकार और कई राज्यों की सरकारों ने चीन से आयातित रैपिड किट को कारगर जांच के लिए सही माना था. लेकिन राजस्थान में शुरुआती तौर पर रैपिड किट को इस्तेमाल करने के बाद इसके नतीजों पर सवाल खड़े कर दिए. देश में राजस्थान में सबसे पहले रैपिड किट के जरिए कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच की गई थी.
राजस्थान के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता से ईटीवी भारत की एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान रैपिड किट के जरिए करवाई जा रही जांच को रोके जाने का कारण सामने आया. मुख्य सचिव गुप्ता ने ईटीवी भारत को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रैपिड किट को आईसीएमआर और केंद्र सरकार के निर्देश के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज की जांच के लिए इस्तेमाल किया जाना था. लेकिन राजस्थान में 159 मरीजों की जांच की गई तो रैपिड किट ने महज 9 मरीजों को ही कोरोना पॉजिटिव बताया था. जबकि पूर्व की प्रमाणिक जांचों में यह सारे मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.
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रैपिड किट से कोरोना संक्रमित की वास्तविक रिपोर्ट का आकलन करना मुश्किल