राजस्थान

rajasthan

सूर्यग्रहण 2020: कैसा रहेगा 21 जून को लगने वाला चूड़ामणि सूर्यग्रहण... जानिए ज्योतिषाचार्य की राय

By

Published : Jun 20, 2020, 2:08 PM IST

Updated : Jun 20, 2020, 2:46 PM IST

कंकण चूड़ामणि नाम का ये सूर्य ग्रहण, 900 साल बाद लग रहा है.भारत में इस साल केपहले सूर्यग्रहण का देश पर क्या प्रभाव रहेगा, ये जानने के लिए ईटीवी भारत ने ज्योतिषाचर्य मुकेश शास्त्री से विशेष बात की.

importance of first solar eclipse, solar eclipse of 2020, solar eclipse in india, भारत में सूर्यग्रहण, सूर्यग्रहण 2020, साल का पहला सूर्यग्रहण, सूर्यग्रहण न्यूज, जयपुर न्यूज,  jaipur news, solar eclipse news
सूर्यग्रहण 2020

जयपुर.आषाढ़ अमावस्या यानी रविवार 21 जून 2020 को कंकण सूर्यग्रहण या यूं कहें चूड़ामणि सूर्यग्रहण लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण अलग-अलग समय में समस्त भारत में दिखाई देगा. भारत में इस साल केपहले सूर्यग्रहण का देश पर क्या प्रभाव रहेगा, ये जानने के लिए ईटीवी भारत ने ज्योतिषाचर्य मुकेश शास्त्री से विशेष बात की.

सूर्यग्रहण 2020 पर जानिए ज्योतिषाचार्य की राय

ये ग्रहण जहां अफ्रीका, पूर्वी दक्षिणी यूरोप, उत्तरी आस्ट्रेलिया, मध्य पूर्वी एशिया के समस्त देश, हिंद एवं प्रशांत महासागर में भी दिखाई देगा. तो वहीं इस ग्रहण की कंकण आकृती राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड के उत्तरी भाग और पंजाब दक्षिण भाग के कुछ हिस्सों में दिखाई देगी. भारत के अन्य प्रांतों में यह ग्रहण खण्डग्रास के रूप में दिखाई देगा.

कंकण चूड़ामणि नाम का ये सूर्य ग्रहण, 900 साल बाद लग रहा है. राजस्थान के उत्तरी भाग में ये ग्रहण अधिक ग्रासमान वाला और दक्षिण भाग में कम ग्रासमान वाला होगा. जयपुर और में ग्रहण 91% ग्रासमान वाला दृश्य रहेगा. वहीं गंगानगर और हनुमानगढ़ में यह ग्रहण 99.5% ग्रासमान वाला दृश्य होगा. इसके अलावा बांसवाड़ा जिले में सबसे कम 81% ग्रासमान वाला दृश्य होगा.

जानें कंकण चूड़ामणि सूर्यग्रहण का सूतक काल और समय

देश में 20 जून 2020 को शनिवार रात्रि 9.55 बजे से सूतक काल प्रारंभ होगा. 21 जून को सुबह 10.15 बजे ग्रहण का प्रारंभ होगा. जिसके बाद दोपहर 11.56 बजे ग्रहण का प्रकोप ज्यादा रहेगा. वहीं दोपहर 1.44 बजे ग्रहण समाप्त हो जायेगा.

वहीं राजस्थान के अलग अलग शहरों में ये सूर्यग्रहण सुबह 10.5 बजे शुरू होकर दोपहर 1.49 बजे खत्म होगा. कंकण सूर्यग्रहण सुबह 9.55 बजे से दोपहर 2.35 मिनट के मध्य में अलग-अलग समय पर भारत में दिखेगा.

इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव -

कंकण सूर्यग्रहण मृगशिर और आर्द्रा नक्षत्र व मिशुन राशि में हो रहा है. ऐसे में मिशुन राशि व मृगशिर और आर्द्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों को विशेष कष्टप्रद रहेगा. इन लोगों को ग्रहण काल में सूर्याष्टक स्तोत्र, आदित्य स्तोत्र का पाठ करना चाहिए.

पढें-सूर्य ग्रहण पर ज्योतिष गुरु पवन सिन्हा से जानें हरेक सवाल का जवाब

महामारी पर रहेगा प्रभावी-

आषाढ़ मास में रविवार को सूर्यग्रहण होने से कहीं अतिवृष्टि तो कहीं अनावृष्टि से हानि होगी. वहीं प्रजा में रोग, दुर्भिक्ष भय से कष्ट बढ़ेगा. ज्योतिषाचर्य शास्त्री के अनुसार कोरोना वायरस का प्रकोप अगले एक महीने तक भारी रूप से देश व दुनिया में देखने को मिल सकता है. तत्पश्चात इसमें कमी आती हुई दिखाई देगी.

अंतर्राष्ट्रीय रिश्तों पर होगा प्रभाव-

ज्योतिषाचर्य पं. मुकेश शास्त्री के अनुसार, भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंध की बात करें तो चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में राज युद्ध से जनजीवन प्रभावित होगा.

खाद्य पदार्थों पर होगा लाभ-

वहीं खाद्य पदार्थों के व्यापार की बात करें तो गेहूं, चावल, मूंग, तिल, गुड़, घी और तेल का संग्रह करने वाले व्यापारीयों को आगे लाभ होगा. बाकी लोगों के लिए सूर्यग्रहण सामान्य रहेगा, लेकिन कहीं अतिवृष्टि और कहीं अनावृष्टि से राज्य और देश-विदेश के अंदर काफी ज्यादा उत्तर चढ़ाव इस ग्रहण योग में देखने को मिल सकता है.

सूर्यग्रहण के सूतक काल में ध्यान रखने योग्य बातें-

सूतक का तात्पर्य खराब समय या ऐसे समय से है जब प्रकृति अधिक संवेदनशील होती है. ऐसे में घटना और दुर्घटना होने की आशंकाएं भी बढ़ जाती हैं. इसलिए ऐसे समय में सचेत रहें और ईश्वर का ध्यान जरूर लगाएं. ग्रहण के दौरान तुलसी पत्ता तोड़ना निषेध है, इसलिए सूतक से पहले तोड़ ले. वहीं सूतक के दौरान भोजन ना बनाएं और सूतक से पहले भोजन तैयार कर लें. इसके साथ ही भोजन को सूतक के दौरान ही समाप्त कर लें, यदि भोजन बच जाता है तो उसे पशु-पक्षी को डाल दें. हालांकि दूध, फल, जूस या सात्विक भोजन ले सकते हैं. वहीं गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे और बीमार व्यक्ति पर यह नियम लागू नहीं होता. वे लोग इस दौरान फल,जूस, पानी का सेवन कर सकते हैं.

पढें-सूर्य ग्रहण के समय लोग नहीं कर सकेंगे नर्मदा स्नान, प्रशासन ने जारी किए आदेश

इस साल के सूर्यग्रहण पर अच्छी बात ये है कि इस दिन अपराध, बुरे काम, बुरे विचार और झूठ का त्याग करना चाहिए. क्योंकि इस समय किये गए बुरे कार्यों का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है. ऐसे में सूतक काल में पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करें.

ध्यान रहे सूतक काल में भगवान की मूर्ति को बिल्कुल भी स्पर्श ना करें और मांस-मदिरा से भी दूर रहें. ग्रहण के दौरान चारों तरफ बहुत अधिक नेगेटिविटी फैल जाती है, इसलिए ग्रहण के समय बर्तन में दूध लेकर उसमें तुलसी के पत्ते डालें, फिर ग्रहण खत्म होने पर बाहर फेंक दे, इससे नेगेटिविटी खत्म हो जाएगी.

Last Updated : Jun 20, 2020, 2:46 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details