जयपुर.गुलाबी नगरी जयपुर की पतंगबाजी देश दुनिया में मशहूर है. जयपुर शहर में मकर संक्रांति के मौके पर पतंगबाजी परवान पर है. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी उम्र के लोग जमकर पतंगबाजी कर रहे हैं. लेकिन, जयपुर में हर साल मकर सक्रांति पर जोर शोर से आयोजित किया जाने वाला पतंग महोत्सव यानी काइट फेस्टिवल इस बार आयोजित नहीं किया गया.
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के चलते राज्य सरकार ने सामूहिक आयोजनों पर रोक लगा रखी है. इसकी वजह से इस बार पर्यटन विभाग ने काइट फेस्टिवल मनाने का निर्णय नहीं किया गया. पर्यटन विभाग की ओर से हर साल जयपुर में जल महल की पाल पर पतंग उत्सव मनाया जाता था. जहां बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी पतंगबाजी का लुत्फ उठाने पहुंचते थे. लेकिन, इस बार नहीं किया जा रहा.
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सिटी पैलेस की बात करें तो यहां राज परिवार की ओर से हर साल देसी-विदेशी पर्यटकों के लिए पतंग उत्सव मनाया जाता है. सिटी पैलेस की छत 14 जनवरी को पूरे दिन पर्यटकों से गुलजार रहती है. दाल के पकोड़े, गजक, रेवड़ी, फीणी और तिल के लड्डू को जैसे स्वादिष्ट व्यंजनों की महक के साथ विदेशी पर्यटक पतंगबाजी का लुत्फ उठाते थे. लेकिन, इस बार सिटी पैलेस में भी पतंग उत्सव नहीं मनाया जा रहा. कोरोना की वजह से पूर्व राज परिवार की ओर से यह आयोजन केवल निजी स्तर पर ही रखा गया है.
जयपुर में नहीं हुआ काइट फेस्टिवल का आयोजन पतंगबाजी के साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों के लिए मनोरंजन के लिए लोक कलाकारों के कार्यक्रम भी आयोजित होते थे. लोक कलाकार कालबेलिया नृत्य, कच्छी घोड़ी नृत्य और मयूर नृत्य सहित कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देते थे. लेकिन, पर्यटन विभाग की मानें तो इस बार सरकार की ओर से जारी कोरोना गाइडलाइंस को देखते हुए सक्रांति पर आयोजित किए जाने वाले सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए हैं.
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बता दें कि सरकार की ओर से चाइनीज मांझा और धातु मिश्रित मांझे पर रोक लगाई गई है. इसके साथ ही सुबह 6 बजे से 8 बजे के बाद शाम 5 बजे से 7 बजे तक भी पतंगबाजी पर भी रोक लगाई गई है, क्योंकि इस समय बेजुबान परिंदों का स्वच्छंद विचरण रहता है, जिससे परिंदों की जिंदगी बचाई जा सके.