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Exclusive: डूंगरपुर-उदयपुर हिंसा पर राज्य सभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने दिए ये सुझाव

डूंगरपुर-उदयपुर उपद्रव पर राज्यसभा सांसद डॉ. किरोडी लाल मीणा ने रविवार को ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान मीणा ने डूंगरपुर एसटी अभ्यर्थियों के आंदोलन के समाधान का रास्ता बताया. आइए जानते कि मीणा ने क्या सुझाव दिए.

जयपुर समाचार, jaipur news
राज्य सभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा

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Published : Sep 27, 2020, 5:08 PM IST

जयपुर.टीएसपी क्षेत्र में शिक्षक भर्ती- 2018 के 1167 खाली पदों को एसटी अभ्यर्थियों से भरने की मांग पर आंदोलन उग्र होता जा रहा है. इसे लेकर राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार की संवेदनहीनता का नतीजा बताया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान मीणा ने कहा कि यदि समय पर इन अभ्यर्थियों से संवाद स्थापित किया जाता तो आज आंदोलन हिंसक रूप नहीं लेता. मीणा ने आदिवासी क्षेत्र के लोगों को अति पिछड़ा बताते हुए प्रशासनिक सेवाओं में भी इनका प्रतिनिधित्व बढ़ाए जाने पर जोर दिया. साथ ही आंदोलन के समाधान को लेकर कुछ सुझाव भी ईटीवी भारत के साथ साझा किए.

पार्ट-1 डूंगरपुर हिंसा पर बोले राज्य सभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा

संवेदन शून्य रहा प्रशासन, सुनवाई नहीं हुई इसलिए हिंसक हुआ आंदोलन

डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि यदि समय पर आदिवासी अभ्यर्थियों फिर सरकार संवाद स्थापित करती तो शायद आज आंदोलन हिंसक नहीं होता. मीणा ने कहा मांग चाहे संविधानिक हो या नहीं सरकार को अभ्यर्थियों से संवाद स्थापित करने के साथ ही इसका हल निकालना चाहिए था. मीणा के अनुसार यदि हाईकोर्ट की मनाई थी तो सुप्रीम कोर्ट के जरिए इसका समाधान कराया जाता.

पार्ट-2 डूंगरपुर हिंसा पर बोले राज्य सभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा

संवैधानिक अड़चन है तो नए पद सृजित कर हो भर्ती

डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के अनुसार यदि मौजूदा भर्ती में खाली रहे पदों को अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों से भरे जाने में संवैधानिक अड़चन है तो फिर सरकार को चाहिए कि इस क्षेत्र के लिए वापस इतने ही पदों की भर्ती निकालकर उसे विशेष रूप से अनुसूचित जाति से आने वाले अभ्यर्थियों से भरे. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान डॉ. किरोडी लाल मीणा ने यह भी कहा कि यह क्षेत्र में रहने वाले जनजाति के लोग अत्यंत पिछड़े हैं. ऐसे में इनके विकास और कल्याण के लिए सरकार को चौतरफा प्रयास करना ही चाहिए.

पार्ट-3 डूंगरपुर हिंसा पर बोले राज्य सभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा

कलेक्टर का बयान गैर जिम्मेदाराना, सरकार करे सस्पेंड

किरोड़ी लाल मीणा ने यह भी कहा कि जिस क्षेत्र में दंगा और उपद्रव भड़का वहां के कलेक्टर अब ये बयान देते हैं कि झारखंड, छत्तीसगढ़, दौसा और सवाई माधोपुर के कुछ लोग आकर इन्हें भड़का रहे हैं. मीणा ने कहा कि कलेक्टर का यह बयान गैर जिम्मेदाराना है. क्योंकि, यदि कोई लोग आकर भड़का रहे थे तो कलेक्टर साहब और अधिकारी क्या सो रहे थे. उनका खुफिया विभाग क्या कर रहा था. मीना ने कहा यह सब गलत बात है, कोई वहां नहीं गया, बल्कि प्रशासन के संवेदनहीन और शून्य होने के कारण ही यह मामले ने हिंसक रूप ले लिया. डॉ. किरोडी लाल मीणा ने गैर जिम्मेदाराना बयान देने वाले कलेक्टर को सस्पेंड करने की मांग भी सरकार से की.

आग दोनों तरफ से लगाई जा रही, पुलिस वालों ने भी जलाए वाहन

मीणा ने यह भी कहा कि आगजनी की घटनाएं एक तरफ से नहीं बल्कि दो तरफ से हो रही है. उन्होंने सीधे तौर पर स्थानीय पुलिस प्रशासन पर भी वाहनों को आग के हवाले करने का आरोप लगाया. मीणा ने कहा उनके पास कुछ प्रदर्शनकारियों के फोन आए थे और उन्होंने ही यह जानकारी दी है. हालांकि, इसमें कितनी सच्चाई है, ये बात अलग है. लेकिन घटनास्थल पर प्रदर्शनकारियों के भी दो पहिया वाहन जले हुए मिले हैं. अब प्रदर्शनकारी खुद तो अपने वाहन जलाने से रहे. मीणा के अनुसार इस मामले में भी कुछ ना कुछ सच्चाई जरूर हैं. मीणा ने यह भी कहा कि उन्हें इस घटना में 4 लोगों के मारे जाने की भी सूचना है, हालांकि जिसे उजागर नहीं किया जा रहा.

प्रशासनिक सेवाओं में भी आदिवासी क्षेत्र के अभ्यर्थियों को मिले अवसर, टीएसपी क्षेत्र के लिए बने नीति

मीणा ने यह भी कहा कि आदिवासी क्षेत्र के लोग काफी पिछड़े हुए हैं. यही कारण है कि वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान जब वे खुद मंत्री थे, तब उन्होंने इंजीनियरिंग और डॉक्टर की भर्ती में विशेष कोटा दिलवाए जाने की मांग की थी और वो पूरी भी हुई. मीणा ने कहा मैं पिछले 10 वर्षों से प्रशासनिक सेवाओं में भी आदिवासी क्षेत्र के लोगों को प्रतिनिधित्व अधिक दिए जाने की मांग कर रहा हूं. इसके लिए सरकार को विशेष नीति बनाना चाहिए. मीणा ने कहा कि आज आदिवासी क्षेत्र में आबादी के लिहाज से आरक्षण नहीं है. उन्होंने कहा इस क्षेत्र में 45 फीसदी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण है. जबकि यहां आबादी 90 फीसदी अनुसूचित जनजाति के लोगों की है. मीणा के अनुसार यदि इस दिशा में कोई ठोस पॉलिसी जनजाति क्षेत्रों के लिए नहीं बनाई गई तो इस प्रकार के आंदोलन भविष्य में भी होते रहेंगे.

लोकतंत्र में हिंसा को जगह नहीं, लोकतांत्रिक को गांधीवादी तरीके से प्रदर्शनकारी रखें अपनी मांग

मीणा के अनुसार हिंसक आंदोलन डूंगरपुर-उदयपुर क्षेत्र में हो रहा है, वह गलत है. मीणा ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है. यदि आपकी कोई मांग है तो उसे लोकतांत्रिक और गांधीवादी तरीके से रखकर उसका समाधान करना चाहिए. मीणा ने प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों से अपील भी की कि वे हिंसा ना करें और जिस तरह डेढ़ साल से अपनी मांग और आंदोलन चलाए रखा था, उसे आगे बढ़ाते हुए इसका समाधान करवाए.

उचित समय पर मैं भी जाऊंगा, स्थानीय जनप्रतिनिधि भी अपनी भूमिका निभाएं

भारतीय जनता पार्टी ने इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर के अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है, जो क्षेत्र का दौरा कर संगठन को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी. हालांकि, इस बारे में जब मीणा से पूछा गया कि आप भी इन क्षेत्रों में जाएंगे. तब मीणा ने कहा कि यदि पार्टी मुझे आदेश देगी तो मैं जरूर जाऊंगा. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जनजातिय क्षेत्र के कुछ संगठनों के पदाधिकारियों ने आग्रह किया है कि वे वहां पहुंचकर इस समस्या का समाधान करवाएं. मीणा ने कहा कि उचित समय आने पर वे जरूर जाएंगे. हालांकि, मीणा यह भी कहते हैं कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इस समय अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए.

बना रहे सामाजिक सौहार्द, इस दिशा में सरकार और जनप्रतिनिधि करें काम

मीणा ने यह भी कहा कि जनजाति का यह क्षेत्र सामाजिक सौहार्द के लिए मिसाल हुआ करता था. लेकिन अब थोड़े हालातों में बदलाव आया है. किरोड़ी लाल मीणा ने अपील की कि क्षेत्र में सामाजिक सौहार्द ना बिगड़े और भाईचारा एवं प्रेम बना रहे. इसके लिए सरकार और जनप्रतिनिधियों को भी पूरा प्रयास करना चाहिए. मीणा ने कहा कि इन क्षेत्रों में कई सालों तक उन्होंने काम किया है और यहां गैर आरक्षित लोग इसकी सराहना भी करते हैं. साथ ही वह भी चाहते हैं कि जनजाति के पिछड़े लोग भी आगे बढ़े.

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