जयपुर:निजी स्कूलों स्कूलों की फीस (Tuition Fees In Private Schools) का मामला अभिभावकों के लिए अभी भी टीस बना हुआ है और इसे लेकर अभिभावकों में आक्रोश व्याप्त है. उनका आरोप है कि अभी भी निजी स्कूल मनमानी फीस वसूली रहे हैं. सो 13 सितंबर को राजस्थान अभिभावक संघ के साथ राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा विधानसभा का घेराव करने का एलान कर चुके हैं.
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राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा (MP Kirori Lal Meena) ने सरकार को चेतावनी दी है कि वह सोमवार 13 सितंबर को अनुमति नहीं मिलने के बावजूद भी विधानसभा का घेराव करेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को अभी तक पूरा नहीं किया है. इस संबंध में उन्होंने 2 दिन पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से भी मुलाकात की. मुलाकात के दौरान राजस्थान अभिभावक संघ के पदाधिकारियों ने भी डोटासरा से फीस को लेकर बात की थी.
सांसद का कहना है कि निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक फीस को लेकर लबे समय से संघर्ष कर रहे है, लेकिन अभी तक स्कूल मनमानी कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट का आदेश होने के बावजूद भी निजी स्कूल उनका पालन नहीं कर रहे.
राजस्थान अभिभावक संघ (Rajasthan Abhibhavak Sangh) के निशांत शर्मा ने बताया कि फीस वसूली को लेकर अभिभावक लगातार सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं लेकिन सरकार हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही. फीस की टीस अभी भी अभिभावकों को चुभ रही है और हमारी मांग है कि विधानसभा में अध्यादेश (Ordinance On Fee In Rajasthan) लाकर निजी स्कूलों को निर्देश दिया जाए कि वे 15 फ़ीसदी ही फीस वसूल करें. उनका कहना है कि जिस तरह से ऑनलाइन क्लासेज चल रही है उनकी फीस 15 से 20 फ़ीसदी ही बनती है.
इससे न निजी स्कूलों को नुकसान होगा और ना ही अभिभावकों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा. राजस्थान अभिभावक संघ के अध्यक्ष सुशील शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का साफ निर्देश है कि बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज (Online Classes) बंद नहीं की जाए. इसके बावजूद भी निजी स्कूल फीस के कारण बच्चों की ऑनलाइन क्लास बंद कर रहे है. शर्मा ने कहा कि इतना सब कुछ होने के बावजूद भी सरकार हमारी सुनवाई नही कर रही. इस कारण अभिभावकों में आक्रोश है और 13 तारीख को सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ विधानसभा घेराव में अभिभावक भी साथ होंगे.
सुशील शर्मा ने कहा कि निजी स्कूलों की ओर से अभी तक 85 फीसदी फीस वसूल की जा रही है जबकि हमारी मांग है कि निजी स्कूल 15 फ़ीसदी ही फीस लें. वास्तव में ऑनलाइन क्लासेज के कारण अभी स्कूलों का ज्यादा खर्चा नहीं है. कोरोना में टीचर्स को भी निकाल दिया है, स्कूलों के खर्च भी घटे हैं। एक तरह से उनका कोई खर्चा नहीं हो रहा. बच्चों के स्कूल न आने से बिल्डिंग का भी कोई मेंटेनेंस नही है.
यदि 15 फ़ीसदी फीस ली जाती है तो न केवल निजी स्कूल सरवाइव करेंगे बल्कि अभिभावकों पर भी ज्यादा आर्थिक भार नहीं पड़ेगा. शर्मा ने कहा कि फीस नहीं देने के कारण बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज (Online Classes) भी बंद कर कर दी जाती है और उन्हें परेशान किया जाता है. हमारी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार बच्चों की ऑनलाइन क्लास फीस नहीं देने के कारण बन्द न की जाए. जो बच्चे स्कूल छोड़कर दूसरे स्कूलों में प्रवेश लेना चाहते हैं उन्हें टीसी नहीं दी जा रही और टीसी के बदले मनमानी फीस वसूल की जा रही है.