जयपुर. भाजपा की वरिष्ठ नेता और विधायक किरण माहेश्वरी भले ही दुनिया में नहीं रही हो लेकिन राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा. माहेश्वरी उन राजनेताओं में शामिल थीं, जिन्होंने नीचे से राजनीति में शुरुआत की और बुलंदियों तक गई.
गुलाबचंद कटारिया ने कहा-महाश्वेरी का जाना पार्टी का भारी नुकसान 24 साल की युवा आयु में विश्व हिंदू परिषद की गंगा जल यात्रा से अपने राजनीतिक जीवन में पहला कदम रखने वाली माहेश्वरी ने पार्षद से लेकर सांसद तक का चुनाव लड़ा. जिसके बाद वे पार्टी और राजनीति क्षेत्र में कई अहम पदों पर भी रही.
भाजपा और राजस्थान में शोक की लहर, इन राजनेताओं ने दी श्रद्धांजलि
किरण माहेश्वरी (Kiran Maheshwari) कोरोना से जंग हार गई और उनके निधन से राजस्थान और भारतीय जनता पार्टी में शोक की लहर है. भाजपा समेत अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने माहेश्वरी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की है.
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कोटा सांसद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्वीट के जरिए अल सुबह ही माहेश्वरी के निधन पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए लिखा कि किरण जी का निधन बेहद दुखद है और उनका निदान मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है. बिरला के अनुसार स्वर्गीय माहेश्वरी ने अपना पूरा जीवन समाज सेवा और महिलाओं के हितों के संरक्षित करने के लिए समर्पित कर दिया था.
यह है किरण माहेश्वरी का राजनितिक सफरनामा नेताओं ने जताया शोक
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया, प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़, सांसद दीया कुमारी और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सहित भाजपा के कई राजनेताओं ने ट्विटर और सोशल मीडिया के जरिए किरण माहेश्वरी के निधन पर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने एक बयान जारी कर कहा कि किरण माहेश्वरी के निधन भाजपा और प्रदेश की राजनीति के लिए अपूरणीय है.
कटारिया ने माहेश्वरी के राजनीतिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि माहेश्वरी ने ही राजस्थान में महिला विंग को सशक्त बनाया. जिससे बीजेपी को मजबूती मिली कटारिया ने कहा किरण माहेश्वरी के निधन उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है क्योंकि माहेश्वरी को पहला चुनाव पार्षद का कटारिया नहीं लगाया था.
पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने किरण माहेश्वरी को अपनी सहयोगी और छोटी बहन बताते हुए कहा कि माहेश्वरी के निधन से बीजेपी और मुझे व्यक्तिगत क्षति हुई है और उनके जाने का आधार राजस्थान को हमेशा खलेगा.