जयपुर. खुद को निरीक्षक मानने वाले लेखक केविन क्वान अपने चौथे उपन्यास सेक्स एंड वैनिटी को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं. उनके उपन्यास क्रेजी रिच एशियन्स को बेहद पसंद किया गया था. इसका कई भाषाओं में अनुवाद हुआ और एक फिल्म भी बनी.
उन्होंने गुरुवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के एक सेशन में अपनी नई रचना सेक्स एंड वैनिटी को ईएम फोर्स्टर के ए रूम विथ व्यू से प्रेरित बताया है. भारतीय समाज, नारीवाद, वंशानुक्रम, यात्रा और आधुनिक जीवन पर बेबाकी से लिखने वाली लेखिका शोनाली खुल्लर श्रॉफ से बातचीत में लेखक केविन क्वान ने कई मुद्दों पर बात की.
सिंगापुर में जन्मे केविन ने अपने सफर और 11 साल की उम्र में टेक्सास में अपने परिवार के साथ प्रवास के विषय में बताया. उन्होंने कहा कि वापस एशिया लौटने पर वो अपने कुछ दोस्तों और परिवार की अपार संपदा देखकर हैरान रह गए थे. उन्होंने समझाया कि उनकी लगातार बढ़ती संपदा और स्टेटस यूएस के उनके सामान्य मिडिल-क्लास जीवन से बहुत अलग था.
उन्होंने खुद को बहुत ही अजीब स्थिति में पाया. लेकिन महसूस किया कि उस चकाचौंध में वो ढोंग, नकलीपन, हास्य और जीवन का विरोधाभास देख सकते थे. श्रॉफ ने उनकी किताब को वर्ग क्रम का बारीक निरीक्षण, जातिवाद और लोगों की वास्तविक पहचान बताया.
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क्वान ने बताया कि उन्होंने क्रेजी रिच एशियन्स अपनी थैरेपी के रूप में लिखी. जब उनके पिता अपनी आखरी सांसें ले रहे थे. तब वो वापस से उन यादों को जीने की कोशिश कर रहे थे. सत्र में क्वान ने बताया कि किस तरह से ये उनके लिए एक निजी प्रोजेक्ट था. जिसमें वो अपने हालात से निकलने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन अफसोस कि ये उनके पिता के जाने के बाद पूरा हो पाया. जिस व्यक्ति ने साहित्य, यात्रा और खासकर भारत के प्रति उन्हें आकर्षित किया. उसके बारे में केविन हंसकर कहते हैं कि उनकी आंटी ने उन्हें चेतावनी दी थी कि वह बहुत मस्तमौला था और वो सच में हैं. बहुत सी ऐसी चीजें हैं, जो वो अभी भी करना चाहते हैं.