जयपुर. राज्य सरकार ने 7 सितंबर को धर्मस्थल खोलने की अनुमति दे दी है. लेकिन सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में लिखा है कि यदि नियमों का उल्लंघन हुआ तो धार्मिक स्थल लॉक कर दिया जाएगा. इसीलिए धार्मिक स्थल मंदिर खोलने को लेकर मंदिर प्रबंधन असमंजस में है कि वे मंदिर खोले या नहीं.
जयपुर जिला कलेक्टर की मंदिरों को दो टूक धार्मिक स्थलों पर पर्याप्त संक्रमण से बचाव के उपाय भी प्रबंधन को ही करने होंगे. जिला प्रशासन की ओर से कोई सहयोग नहीं किया जाएगा. कुछ मंदिरों ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर कोविड-19 निर्देशों की पालना के लिए सहयोग मांगा, लेकिन जिला प्रशासन ने मंदिरों को पत्र भेजा. जिसमें साफ लिखा है कि कोविड को लेकर धार्मिक स्थलों के प्रबंधक, समिति, मंडल ट्रस्ट आदि को अनिवार्य रूप से सुरक्षा उपाय करने होंगे. भक्तों और दर्शनार्थियों को प्रवेश और दर्शन करने के साथ-साथ उनके हेल्थ प्रोटोकॉल का भी ध्यान रखना होगा और यह सभी व्यवस्थाएं धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों को ही करनी है.
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पत्र में साफ लिखा है कि यदि मंदिर सरकारी गाइडलाइन और कोविड 19 के दिशा निर्देशों की पालना करने में असमर्थ है. मंदिरों में भक्तों का प्रवेश 30 सितंबर तक बंद रखना ही उचित होगा. यदि गाइडलाइन के तहत में कोई उल्लंघन करता हुआ पाया गया. पुलिस धार्मिक स्थलों को बंद कर सकेंगे. कलेक्टर ने एसडीएम और पुलिस को कोविड गाइडलाइन की पालना सख्ती कराने से निर्देश भी दिए हैं.
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कोविड-19 के दिशा निर्देशों की पालना में सहयोग के लिए जिला प्रशासन की ओर से सहयोग नहीं मिलने के कारण गोविंद देव जी, मोती डूंगरी गणेश मंदिर, झारखंड महादेव मंदिर सहित अन्य मंदिर 7 सितंबर के बाद भी बंद रहेंगे. इसके अलावा आर्य संस्कृति दिग्दर्शक संस्थान, अखिल भारतीय हित राधाबल्लभ समाज वृंदावन और नायक़ी की माता पदयात्रा समिति ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर 30 सितंबर तक मंदिर बंद रखने की मांग की है. चिकित्सा विभाग भी कह चुका है कि यदि 7 सितंबर से धार्मिक स्थल खोले जाएंगे तो कोरोना का संक्रमण बढ़ने की पूरी संभावना है.