जयपुर.सीकर रोड पर गुरुकुल विश्वविद्यालय (Sikar Gurukul University forgery case) की स्थापना के सत्यापन के लिए बनाई समिति की फर्जी जांच रिपोर्ट का मामला विधानसभा सत्र के दौरान सामने आया था. दोषियों पर कार्रवाई के लिए जयपुर संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी भी बनाई गई लेकिन अब तक सत्यापन समिति में शामिल 3 लोगों पर ही कार्रवाई हुई. समिति संयोजक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. इससे नाराज नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सरकार से लेकर राज्यपाल तक को पत्र भेजे और ये भी साफ कर दिया कि कार्रवाई नहीं हुई तो जनता व भाजपा इसके ख़िलाफ सड़कों पर उतरने से भी परहेज नहीं करेगी.
ये है पूरा मामला, धान सभा में हुआ था फर्जी रिपोर्ट का खुलासा: दरअसल हाल ही में समाप्त हुए राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में जब गुरुकुल विश्वविद्यालय सीकर की स्थापना से जुड़ा विधेयक पारित करने के लिए रखा गया. तब भाजपा के राजेंद्र राठौड़ और गुलाबचंद कटारिया ने इस बात का खुलासा किया कि निजी विश्वविद्यालय के सत्यापन से जुड़ी जिस जांच रिपोर्ट के आधार पर यह बिल लेकर आया गया है उसकी जांच रिपोर्ट ही फर्जी है. मतलब इस विश्वविद्यालय का न तो स्ट्रक्चर खड़ा हुआ और न ही रिपोर्ट में जो जानकारी दी गई वो सब सही है. खुद विधानसभा अध्यक्ष ने सीकर कलेक्टर से सामने आए तथ्यात्मक घटनाक्रम की जानकारी जुटाई तो ये सही साबित हुआ और विधेयक पारित नहीं हुआ. हालांकि सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह की अध्यक्षता में इस विश्वविद्यालय के सत्यापन के लिए जो कमेटी बनी थी वो विवादों में जरूर आ गई क्योंकि उसी की रिपोर्ट के आधार पर ये बिल विधानसभा में पारित करने के लिए रखा गया था.
गुरुकुल यूनिवर्सिटी फर्जी जांच रिपोर्ट मामले में अब तक की कार्रवाई से कटारिया असंतुष्ट, सरकार और राज्यपाल से की मांग....कही ये बात - Verification committee member suspended
गुरुकुल विश्वविद्यालय (Sikar Gurukul University forgery case) को लेकर की जा रही जांच से फिलहाल नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया असंतुष्ट हैं. गुलाबचंद कटारिया ने सरकार से लेकर राज्यपाल तक को पत्र भेजे हैं और ये भी साफ कर दिया कि कार्रवाई नहीं हुई तो जनता व भाजपा इसके ख़िलाफ सड़को पर उतरने से भी परहेज नहीं करेगी
25 मार्च को बनी कमेटी,अब तक तीन निलंबित:विधानसभा में यह मामला उठा तो सत्यापन समिति के फर्जीवाड़ा सामने आया और उसमें शामिल अधिकारी और सदस्यों पर कार्रवाई और जांच के लिए जयपुर संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया. इस कमेटी में संभागीय आयुक्त दिनेश यादव के अलावा तीन अन्य सदस्यों को भी शामिल किया गया और 10 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट अनुशंसा के साथ उच्च शिक्षा विभाग को सौंपने का निर्देश दिया गया. समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में सत्यापन समिति में शामिल तीन लोगों के निलंबन की अनुशंसा की. इसमें उदयपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जीएस राठौड़, राजकीय विधि महाविद्यालय अलवर के सहायक आचार्य डॉ विजय बेनीवाल और आचार्य को निलंबित (Verification committee member suspended) कर दिया गया लेकिन इसी सत्यापन समिति के संयोजक और सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.
कटारिया ने कहा सरकार और राज्यपाल के पास कार्रवाई का अधिकार: उधर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सरकार की ओर से की गई अब तक कीकार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं. उनके अनुसार समिति के संयोजक और उदयपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अमेरिका किंग पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. कटारिया ने बताया इस मामले में उन्होंने सरकार और राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर संबंधित दस्तावेज सौंप दिए हैं कटारिया ने कहा- कार्रवाई उन्हें ही करना है देखते हैं पहले कौन करता है. कटारिया से पूछा गया कि तमाम सबूत और जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद सत्यापन समिति के अध्यक्ष पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है तो उन्होंने कहा नियमों के तहत जांच होने तक कुलपति अमेरिका सिंह को निलंबित कर घर बिठाया जा सकता है लेकिन अब तक ऐसा भी नहीं हुआ.