जयपुर.26 जुलाई 1999 का वो दिन जब देश के जवानों ने शत्रु सेना के दांत खट्टे करते हुए अपना लोहा मनवाया और कारगिल युद्ध में विजय हासिल की. हालांकि इस युद्ध में देश के 527 जवान शहीद हो गए, लेकिन उनके बलिदान को राजधानी वासी भुला नहीं सके. इसलिए साल 2016 में जयपुर के विद्याधर नगर में बनाया गया कारगिल शहीद स्मृति वन, जिसमें प्रदेश के हर एक बलिदानी के नाम से एक पेड़ मौजूद है.
कारगिल शहीद स्मृति वन में लगे अशोक, जामुन, क्रंच और अर्जुन का हर पेड़ कारगिल में शहीद हुए देश के जवानों की याद दिलाता है. फिर चाहे वीर चक्र से सम्मानित हवलदार शीशराम गिल हो या फिर वीर चक्र सम्मानित सूबेदार भंवरलाल भाकर, सेना मेडल विजेता सैनिक श्रवण सिंह शेखावत हो या जाट रेजीमेंट के लेफ्टिनेंट अमित भारद्वाज.
इस युद्ध में देश के 527 शहीदों में 52 राजस्थान के थे और 22 जवान अकेले झुंझुनू जिले के थे. इन वीरों को याद करने और श्रद्धांजलि देने के लिए ही साल 2016 में विद्याधर नगर में कारगिल शहीद स्मृति वन बनाया गया था. यहां लगा हर एक पेड़ प्राणवायु देकर उसी तरह लोगों की रक्षा कर रहा है, जिस तरह सीमा पर तैनात रहकर कारगिल के शहीदों ने देश की रक्षा की थी.
शुरुआत में ये क्षेत्र एक कचरा डंपिंग यार्ड था. यहां कचरा डालने के अलावा लोग खुले में शौच भी करते थे. क्षेत्रीय लोगों ने 2 महीने तक यहां श्रमदान कर पहले सफाई की और उसके बाद करीब 200 पेड़ यहां लगाए गए. लेकिन लोगों के सामने इन पेड़ों की संभाल करने की भी चुनौती थी क्योंकि यहां पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में लोगों ने पैसा इकट्ठा कर पानी का टैंकर की व्यवस्था की, बाद में सरकारी मदद और क्षेत्रीय लोगों के सहयोग से यहां बोरिंग शुरू कराया गया. जिसका नतीजा ये रहा कि आज करीब 5 साल बाद यहां पेड़ों की नींव गहरी हो गई है और ऊंचाई करीब 12 से 15 फुट जा पहुंची है.