जयपुर.राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर गुरुवार को योजना भवन के कॉन्फ्रेंस हाल में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया. राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष कमल कुमार बागड़ी ने कहा कि उपभोक्ता की समस्याओं का उचित न्याय पूर्ण और जल्द निस्तारण करना ही आयोग का धर्म है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कमल कुमार बागड़ी ने कहा कि उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने की अत्यंत आवश्यकता है. जहां आज ई-कॉमर्स के माध्यम से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म सभी वस्तुएं और सेवाएं ली जा रही हैं, ऐसे में उपभोक्ताओ को अधिकारों की उचित जानकारी और न्यायिक संरक्षण मिलना ही चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में कोरोना महामारी आयोग ने उपभोक्ताओं के परिवादों के लिए वर्चुअल सुनवाई करने का निर्णय लिया है और आयोग ने गत वर्ष के मुकाबले वर्ष 2020 में ज्यादा परिवादों का निस्तारण भी किया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है.
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कमल कुमार बागड़ी ने कहा कि पोस्ट के जरिए भी उनके पास शिकायत आती है, तो वह शिकायात रजिस्टर्ड होती है और उस पर कार्रवाई भी की जाती है. बागड़ी ने कहा कि जोधपुर, कोटा, बीकानेर और उदयपुर के लिए जयपुर मुख्यालय में कैंप चलाकर परिवाद सुने गए. उपभोक्ता विभाग द्वारा जोधपुर में 15 दिन का कैंप लगाया गया, जिसमें कोविड गाइडलाइन का ध्यान रख कर सुनवाई की गई. उन्होंने कहा कि हमें आमजन को उनके उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के प्रति अभियान चलाकर जागरूक करने की आवश्यकता है, जिससे लोग ज्यादा से ज्यादा अपने हितों के प्रति सजग हो सकें.
वहीं, उपभोक्ता मामलात विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने बताया कि संपूर्ण राज्य में भारत सरकार द्वारा निर्धारित थीम 'उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की प्रमुख विशेषताएं' के अनुसार कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किए गए. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के बारे में जानकारी दी गयी. यह अधिनियम बेहद स्पष्ट है. इसके नए नियमों के तहत कार्रवाई की जवाबदेही तय की गई है. ऑनलाइन और टेलीशॉपिंग को भी अधिनियम में शामिल किया गया है. अधिनियम के अनुसार खाने पीने की चीजों में मिलावट होने पर कंपनियों पर जुर्माना और जेल का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही कंज्यूमर मेडिएशन सेल का भी गठन किया गया है. जैन ने कहा कि जिला आयोग में एक करोड़ रुपये तक और राष्ट्रीय आयोग में 10 करोड़ से ऊपर के परिवादों की सुनवाई होगी.
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नवीन जैन ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य उपभोक्ता हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1800-180-6030 पर चलाई जा रही पेशेवर सलाहकारों द्वारा निशुल्क मार्गदर्शन दिया जाता है, जिस पर अब तक कुल 47521 शिकायतों पर परामर्श देकर निपटारा किया जा चुका है. जैन ने कहा कि राज्य उपभोक्ता हेल्पलाइन प्राप्त शिकायतों में से लगभग 85% का निस्तारण हो गया है. विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए प्रिंट मीडिया, रेडियो, टीवी, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से भी प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. केंद्र सरकार के निर्देश पर 'राज्य उपभोक्ता समग्र निधि' सृजन 'कारपस फंड' के रूप में किया गया है, जिसे आयोजित होने वाली ब्याज की राशि का इस्तेमाल उपभोक्ता शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा. जैन ने कहा कि राज्य में आयोग के साथ ही सभी जिलों में जिला मंच कार्यरत हैं, वहीं जयपुर में चार, जोधपुर जिले में 2 आयोग हैं. इस प्रकार राज्य में कुल 37 जिला उपभोक्ता आयोग कार्यरत हैं.
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष कमल कुमार बागड़ी ने इस अवसर पर उपभोक्ता जागरूकता और कोरोना जागरूकता पर पांच पोस्टरों और फेसबुक पेज और 'ग्राहक' लोगो का विमोचन किया. उन्होंने बताया कि अगले 3 माह तक उपभोक्ता जागरूकता का जिंगल ऑल इंडिया रेडियो पर प्रसारित किया जाएगा.
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फेसबुक और यू ट्यूब पर मिलेगी जानकारी
नवीन जैन ने बताया कि विभाग की गतिविधियों और नए कानून की जानकारी उपभोक्ताओं को देने के लिए फेसबुक और यू-ट्यूब चैनल का भी विमोचन किया गया है और आने वाले समय में भी उपभोक्ताओं को इस पर अन्य जानकारी उपलब्ध हो सकेगी. वेबीनार में जिलों के कलेक्टर और डीएसओ को भी जोड़ा गया था और उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों की जानकारी अच्छे से दी गई. नवीन जैन ने कहा कि किसी गलत उत्पाद के लिए कार्रवाई करने के लिए उपभोक्ताओं में विश्वास दिलाना ही उनका मकसद है, उन्हें यह जानकारी दी जाएगी कि यदि वे एक बार इस चीज को सहन करेंगे तो बार-बार इस तरह की चीजों को उनको सहन करना पड़ेगा. 3 घंटे के वेबीनार में राजस्थान उच्च न्यायालय के एडवोकेट डीएम माथुर ने नए उपभोक्ता अधिनियम के प्रावधान, राजस्थान उच्च न्यायालय के एडवोकेट संदीप पाठक ने वाणिज्य संबंधी प्रावधानों, एडवोकेट विजजी अग्रवाल ने चिकित्सीय लापरवाही विषय पर डॉ अनन्त शर्मा ने उपभोक्ता अधिकारों से संबंधित मुद्दों के बारे में जानकारी दी.