जयपुर.राज्यपाल कलराज मिश्र ने अपना एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कई विवादित मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी. प्रदेश में चले राजनीतिक घमासान को लेकर राज्यपाल ने कहा कि उस दौरान उन्होंने जो भी निर्णय लिए वो संवैधानिक मर्यादाओं में रहकर लिए. फिर चाहे उसको लेकर कोई कुछ भी लिख या छापे.
राज्यपाल ने संवैधानिक दायरे में रहकर काम करने की बात कही नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को वरीयता पर क्या बोले राज्यपाल
प्रेस वार्ता के दौरान कलराज मिश्र से जब पूछा गया कि मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी नौकरियों में अपने ही प्रदेश के युवाओं को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है. राजस्थान में भी इसी दिशा में काम हो रहा है, आप इसको कितना उचित मानते हैं. तब राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा यह राज्य का विषय है और इस प्रकार के मामलों में जो भी कानून के अंतर्गत सही हो होना चाहिए.
कुलपति चयन में बाहरी राज्यों से भी आवेदन कितना उचित
वर्चुअल तरीके से हुई इस प्रेस वार्ता में जब राज्यपाल से पूछा गया कि कुलपति चयन समिति के समस्त बाहरी राज्यों से भी कई आवेदन आए हैं. ऐसे में जब प्रदेश में सरकारी नौकरियों में राजस्थान के ही लोगों को वरीयता दी जाने को लेकर निर्णय लिया जा रहा है, तब बाहरी राज्यों के आवेदनों को आप किस तरह देखते हैं. इस पर राज्यपाल ने कहा कि कुलपति चयन की प्रक्रिया यूजीसी की मापदंड के अनुसार होती है और उसके लिए कुलपति चयन से जुड़ी कमेटी भी बनी है, उसमें अनुभव और नियमों के तहत जो नाम आते हैं, वरीयता के आधार पर सरकार और राज्यपाल आम सहमति से उन पर विचार करके निर्णय लेते हैं. मतलब कुलपति चयन के मामले में अनुभव और योग्यता ही पहली प्राथमिकता है.
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कुलपति रिश्वत प्रकरण मामले में क्या बोले मिश्र
अजमेर में एंटी करप्शन ब्यूरो के हत्थे चढ़े कुलपति से जुड़े सवाल के जवाब में राज्यपाल ने कहा की एसीबी अपने हिसाब से कार्रवाई कर रही है. जो कानून सम्मत होगा कार्रवाई की जाएगी. राज्यपाल ने कहा यह विषय भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में चल रहा है, लिहाजा वह इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बोलेंगे.
किताब में सियासी घमासान का हल्का फुल्का जिक्र
राज्यपाल से उनकी हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पण की गई पुस्तक का भी जिक्र किया गया. राज्यपाल से जब पूछा गया कि पुस्तक में मंत्रियों की बर्खास्तगी से जुड़े प्रस्ताव और राजभवन में जिस तरह कांग्रेस विधायकों ने धरना दिया था. इन सबका जिक्र उनकी किताब में है या नहीं. इस पर राज्यपाल ने फिलहाल ज्यादा बात नहीं की और कहा कि पुस्तक में सालभर में हुए कामों के संदर्भ का जिक्र है. हालांकि सियासी घटनाक्रम को उन्होंने विषम परिस्थिति बताया और कहा कि उसका समाधान हो गया है.
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राज्यपाल ने यह भी कहा कि सियासी घमासान की घटना के दौरान भी उन्होंने संवैधानिक आधार पर ही काम किया. राज्यपाल ने कहा कि जब इस प्रकार की घटनाएं होती हैं तो प्रकाशन, समाचार पत्र और मीडिया अपने नजरिये से लिखते और छापते हैं. इसलिए यदि मेरे पक्ष में कुछ लेख आए तो विपक्ष में भी कुछ आर्टिकल आए होंगे. क्योंकि अब यह प्रकरण खत्म हो चुका है लेकिन जो भी कुछ हुआ संवैधानिक मर्यादा के भीतर रहकर ही मैंने काम किया.
रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या जाऊंगा
जब कलराज मिश्र से अयोध्या जाने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो रामलला के दर्शन करने अयोध्या जरूर जाएंगे. उन्होंने कहा भूमि पूजन का कार्यक्रम सीमित लोगों का कार्यक्रम था और वह संवैधानिक पद पर हैं. उसके तहत जैसे ही उन्हें समय मिलेगा वो वहां जाएंगे. राज्यपाल ने यह भी कहा कि वहां पर जाने की किसी की भी मनाही नहीं है.
नई शिक्षा नीति के विरोध पर क्या बोले राज्यपाल
राज्यपाल से नई शिक्षा नीति को लेकर भी सवाल पूछा गया. जब उनसे पूछा गया कि आप केंद्र की नई शिक्षा नीति के समर्थन में है और उच्च शिक्षा में इसे राजस्थान में लागू करने की बात भी कहते हैं, लेकिन प्रदेश के शिक्षा मंत्री ही नई शिक्षा नीति के विरोध में हैं. इस पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा की इस मामले में विपक्ष से आपस में विचार करके और आपस में चर्चा करके ही नए प्रावधानों को लागू करवाने का प्रयास करेंगे.