जयपुर.प्रदेश में बेकाबू होता कोरोना के संक्रमण के बीच राजनीतिक आरोप-पत्यारोप का दौर भी तेज हो गया है. जनप्रतिनिधियों का ध्यान केवल एक दूसरे की सरकारों की कमियां निकालने में ही है. अब पूर्व मंत्री और भाजपा के मौजूदा विधायक कालीचरण सराफ ने प्रदेश सरकार पर एक बार फिर आरोपों की बौछार की है. यह स्थिति तो तब है जब कालीचरण सराफ 2 दिन पहले मुख्यमंत्री के कोरोना संक्रमित होने पर उनके कामकाज की मुक्त कंठ से प्रशंसा कर रहे थे.
सराफ ने बताया कि पीएम केयर्स फंड से राज्य सरकार को 200 करोड़ रुपए चार शहरों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए मिले, लेकिन आज तक एक भी प्लांट चालू नहीं हो पाया और आमजन ऑक्सीजन के लिए उधर इधर उधर भटक रहा है. सराफ ने आरोप लगाया कि डॉक्टर्स की भर्ती दो बार निरस्त क्यों कि गई. आज भी 1300 पद खाली पड़े हैं.
पढ़ें-विधानसभा उपचुनाव-2021: मतगणना कल, निर्वाचन विभाग ने की 'सुरक्षित मतगणना' की सभी तैयारियां
इस महामारी के समय डॉक्टर्स की नियुक्ति कर दी जाती तो आमजन को राहत मिलती. इसी प्रकार 14400 पद नर्सिंगकर्मियों के खाली पड़े हैं. संवेदनशील मुख्यमंत्री नौजवानों को केवल झूठे आश्वासन देते हैं. सराफ ने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट के साथ-साथ सरकार कंसंट्रेटर की खरीद भी समय पर कर पाती तो ऑक्सीजन की इतनी गंभीर किल्लत नहीं होती.
सराफ ने बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री की नवंबर और दिसंबर में अधिकारियों के साथ कोरोना महामारी को लेकर हुई बैठक में सभी अपने-अपने महिमामंडन करने में व्यस्त रहे, इतने आईसीयू इतनी ऑक्सीजन बेड 18% वेंटिलेटर खाली हैं, जबकि दूसरी लहर कितनी भयावह होगी, इसका रूट प्लान किसी के पास भी नहीं था, उसी का यह परिणाम है कि आज आमजन को अपने प्राण बचाने के लिए कुछ नहीं मिल रहा, केवल भगवान के भरोसे के अलावा.
पढ़ें-Corona Update: राजस्थान में रिकॉर्ड 17,652 नए मामले आए सामने, 160 मौत...कुल आंकड़ा 6,15,653
कालीचरण ने कहा कि डब्ल्यूएचओ और लोकसभा स्वास्थ्य समिति ने 4 महीने पहले ही राज्य सरकार को दूसरी लहर के विषय में चेता दिया था, लेकिन राज्य सरकार उपचुनाव में लगी रही और महामारी पर कोई फोकस नहीं किया. यदि समय रहते इंतजाम कर ली जाती तो आज यह हालत नहीं होती.