जयपुर.प्रदेश में 1 लाख क्वॉरेंटाइन बेड तैयार कर लिए गए हैं, लेकिन 30 प्रतिशत चिकित्सक स्टॉफ की कमी है. ऐसे में इस संकट से निपटने के लिए प्रदेश के मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज से डिग्री प्राप्त करने वाले सभी एमबीबीएस डॉक्टर्स की सेवाएं ली जाना चाहिए.
सराफ ने कहा कि इसके विपरीत राज्य सरकार ने हाल ही में चिकित्सा अधिकारी भर्ती परीक्षा आयोजित की, जिसमें बैठे करीब 3500 अभ्यर्थियों में से सिर्फ 735 को ही नियुक्ति जारी की गई थी. शेष आवश्यकता की पूर्ति के लिए इनसे कम अनुभवी मेडिकल कॉलेज के इंटर्न्स को सेवा देने के आदेश जारी कर दिए हैं, जिससे प्रदेश के डिग्री धारी डॉक्टर्स भी निराश हैं.
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कालीचरण सराफ के अनुसार कोरोना जैसी महामारी से चल रही जंग में राज्य सरकार को गंभीरता पूर्वक कुछ दूरदर्शी और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है. उनके अनुसार कोरोना वायरस से जंग जीतने के संकल्प को मजबूती देने के लिए हमारे प्रयास और तैयारियों में कोई कमी न रहे.
इसलिए उनकी मांग है कि संकट के समय प्रदेश और मानवता की सेवा को तैयार इन एमबीबीएस डिग्री धारी डॉक्टरों को जो भर्ती परीक्षा में बैठे थे. उन सभी 3500 अभ्यर्थियों और डिग्रीधारी नर्सिंग कर्मियों को सीधी नियुक्ति दी जाए. इससे इस महामारी को नियंत्रित करने में यह कोरोना वॉरियर्स पूरी लगन से काम कर सकें.