जयपुर. सुर्खियों में रहा ये मामला पिछले दिनों क्राइम ब्रांच को जांच के लिए सौंपा गया था. जिसमें क्राइम ब्रांच ने इस पूरे मामले को दुष्कर्म का ही माना और आरोपी को भी गिरफ्तार किया. जबकि इसी मामले में पहले जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव और विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल इस मामले को लेकर अलग बात कही थी.
दरअसल, दोनों ने इस घटना को दुष्कर्म ना मानकर आपसी सहमति का मामला बता रहे थे और पुलिस अधिकारियों के बचाव में जुटे थे. पिछले दिनों विधानसभा सत्र में भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने यह मामला सदन में भी उठाया था. तब मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सदन में पुलिस अधिकारियों का बचाव किया था और भाजपा के दवाव में मामला जांच के लिए क्राइम ब्रांच को सौंपा था.