जयपुर. प्रदेश में कोरोना महामारी का का संक्रमण कम होने के साथ अब एसएमएस अस्पताल की तर्ज पर जयपुरिया अस्पताल को भी कोविड फ्री की जाने की मांग तेज हो गई है. पूर्व चिकित्सा मंत्री और भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने प्रदेश सरकार से यह मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने ब्लैक फंगस मरीजों को जयपुरिया अस्पताल में शिफ्ट करने का विरोध भी किया है.
कालीचरण सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि संक्रमण की वर्तमान परिस्थितियों में प्रशासन की ओर से एसएमएस हॉस्पिटल को कोविड फ्री किए जाने के निर्णय उचित हैं लेकिन वहां भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों को जयपुरिया में शिफ्ट करना गलत है. सराफ ने कहा कि जयपुर दक्षिण के मालवीय नगर, सांगानेर व बगरू विधानसभा क्षेत्र से आने वाले अन्य बीमारी से ग्रस्त मरीजों के इलाज के लिए जयपुरिया में ब्लैक फंगस मरीजों को भर्ती न किया जाए और अस्पताल को शीघ्र कोविड फ्री किया जाए.
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सराफ ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण जयपुरिया हॉस्पिटल को कोविड डेडिकेटेड किया गया था जिसके चलते अन्य बीमारियों के मरीज आना बंद हो गए थे. इस कारण जयपुरिया में सामान्यतया 3 से 4 हजार का आउटडोर शून्य हो गया था. इस दौरान जयपुर दक्षिण की तीन विधानसभा क्षेत्रों के सैकड़ों लोग प्रतिदिन निजी अस्पतालों में महंगा इलाज करवाने को मजबूर थे.
सराफ ने कहा कि सुखद बात यह है कि संक्रमण का बुरा दौर गुजर चुका है तथा कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है. इसी कारण अन्य मरीजों की सुविधा के लिए एसएमएस हॉस्पिटल को कोविड फ्री करने तथा ब्लैक फंगस के मरीजों को भी शिफ्ट करने का फैसला लिया जा रहा है, लेकिन क्षेत्र की जनता की चिकित्सा सुविधाओं का ध्यान रखते हुए उन मरीजों जयपुरिया के बजाय प्रदेश के सबसे बड़े कोविड सेंटर आरयूएचएस में शिफ्ट किया जाए.
गौरतलब है कि है कि एसएमएस के बाद जयपुरिया हॉस्पिटल शहर का एकमात्र अत्याधुनिक सुविधायुक्त सरकारी अस्पताल है. इसलिए कोविड की वर्तमान परिस्थितियों में जयपुरिया अस्पताल को ब्लैक फंगस के मरीजों से मुक्त एवं कोविड फ्री किए जाने की मांग उठ रही है.