राजस्थान

rajasthan

चिकित्सा मंत्री यदि ऐसा बयान देंगे तो डॉक्टर्स और अधिकारी लापरवाही बरतेंगे: कालीचरण सराफ

By

Published : May 13, 2020, 8:31 PM IST

कोरोना संक्रमण से हुए मौतों में प्रदेश के मृत्यु दर को राष्ट्रीय मृत्यु से कम बताने के बयान का पूर्व चिकित्सा मंत्री और भाजपा विधायक काली चरण सराफ ने विरोध किया है. इसको लेकर सराफ का कहना है कि ऐसे बयान से चिकित्सा विभाग काम में लापरवाही बरतेगा.

कालीचरण सराफ, kali charan saraf, statement of health minister, corona death rate
मंत्री रघु शर्मा के बयान का काली चरण सराफ ने किया विरोध

जयपुर.कोरोना से चल रही जंग को सियासी वायरस कमजोर करने में जुटा है. अब मौजूदा चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के प्रदेश में कोरोना वायरस से मृत्यु दर को राष्ट्रीय मृत्यु दर से कम बताए जाने संबंधी बयान को भाजपा ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. पूर्व चिकित्सा मंत्री और भाजपा के मौजूदा विधायक काली चरण सराफ ने यह तक कहा है कि यदि चिकित्सा मंत्री इस तरह के बयान देंगे तो उससे मंत्र मुक्त होकर स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारी और चिकित्सक अपने काम में लापरवाही बरतेंगे. जिससे कोरोना से चल रही जंग प्रभावित हो सकती है.

ये पढ़ें:मास्क नहीं पहनने पर पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के खिलाफ याचिका दायर

काली चरण सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि कोरोना वायरस से होने वाली राष्ट्रीय मृत्यु दर 3.30प्रतिशत है और प्रदेश में मृत्यु दर 2.83 प्रतिशत है, मात्र 0.47 प्रतिशत के मामूली अंतर है. लेकिन इस पर भी स्वास्थ्य मंत्री अपनी पीठ थपथपाने में लगे हैं. सराफ के अनुसार आज राजस्थान कोरोना संक्रमित मरीजों के मामले में देश के प्रथम पांच राज्यों में शामिल है. उस समय यदि स्वास्थ्य मंत्री ऐसे बयान देकर खुद की पीठ थपथपाएंगे तो इसका परिणाम जनता के लिए घातक हो सकता है. क्योंकि जब स्वास्थ्य मंत्री इन छोटी-छोटी बातों को लेकर दूसरी नाकामियां छुपाने के लिए सरकार के पीठ थपथपाएंगे तो, विभाग के अधिकारी भी अपने काम में लापरवाही करेंगे और लगन से काम नहीं करेंगे. संकट के दौर में ये घातक हो सकता है.

ये पढ़ें:EXCLUSIVE: कोरोना लैब में पहुंची ईटीवी भारत की टीम, जानिए- कैसे होती है संक्रमण की जांच?

संकट के दौर में हाथी पलकों की मदद करे सरकार: सराफ

वहीं, भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने प्रदेश सरकार से संकट की इस घड़ी में शहर में हाथी सवारी बंद होने से विपदा में आए हाथी पालकों की आर्थिक मदद करने की मांग की है. सराफ ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि, संकट की इस घड़ी में हाथी पालकों के परिवार के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. क्योंकि एक हाथी को खिलाने पिलाने और दवाई में प्रतिदिन 2 से 3 हजार का खर्चा आता है. साथ ही उसके चालक का खर्चा अलग है. ऐसे में काम बंद होने से हाथी वालों को हाथी के साथ अपने परिवार का खर्चा उठाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details