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सुदृढ़ राष्ट्र की स्थापना के लिए समाज को बदलना होगा: जस्टिस लोढ़ा - राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण

बालिका दिवस के अवसर पर वेबिनार के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में अध्यक्ष के तौर पर राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर के प्रशासनिक न्यायाधीश और राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस संगीत राज लोढ़ा ने शिरकत की. इस मौके पर जस्टिस लोढ़ा ने कहा कि गार्गी, मैत्रयी, रानी लक्ष्मी बाई, मीरा बाई जैसी महान नारियों के समान कोई भी बालिका महानता को छू सकती है.

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जस्टिस लोढ़ा ने कहा कि सुदृढ़ राष्ट्र की स्थापना के लिए समाज को बदलना होगा

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Published : Jan 25, 2021, 4:14 AM IST

जयपुर. रालसा द्वारा बालिका अधिकार चेतना सप्ताह समापन कार्यक्रम का रविवार को समापन हुआ. बालिका दिवस के अवसर पर वेबिनार के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में अध्यक्ष के तौर पर राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर के प्रशासनिक न्यायाधीश और राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस संगीत राज लोढ़ा ने शिरकत की. इस मौके पर जस्टिस लोढ़ा ने अपने संबोधन में कहा कि, गार्गी, मैत्रयी, रानी लक्ष्मी बाई, मीरा बाई जैसी महान नारियों के समान कोई भी बालिका महानता को छू सकती है.

उन्होंने कहा कि इन महिलाओं ने संघर्ष और चुनौतियों को अवसर में बदला और सफलता हासिल की. इन्हीं का अनुसरण कर बालिकाएं अपना लक्ष्य तय करें और उसके लिए समर्पित भाव से काम करते हुए सफलता के शिखर को छुए. उन्होंने कहा कि, किसी भी बदलाव की शुरुआत सर्वप्रथम अपने घर से ही होती हैं, बदलाव अपरिहार्य है. समाज को बदलना ही होगा और बालिकाओं को बालकों के समान अधिकार देना होगा.

इस अवसर पर रालसा के सदस्य सचिव ब्रजेन्द्र जैन ने बताया कि राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और तालुका विधिक सेवा समिति के पदाधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय बालिका दिवस को पूरे सप्ताह के रूप में मनाया गया. इसके तहत बालिका अधिकार चेतना सप्ताह का शुभारंभ 18 जनवरी से किया गया था. इस अभियान के दौरान तीन विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया.

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अभियान के अंतर्गत हौसले की उड़ान कार्यक्रम में बालिकाओं से संबंधित कानूनों, जनकल्याणकारी योजनाओं और महिला अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई. इसके अतिरिक्त बालिका दिवस के अवसर पर दो विशेष कार्यक्रम का आयोजन वर्चुअल माध्यम से किया गया, जिसमें बालिकाओं के समक्ष अवसर और चुनौतियां पर एक विशेष परिचर्चा का आयोजन किया गया. इसमें महिला अधिकार क्षेत्र में कार्य प्रबुद्ध महिलाओं ने अपने विचार व्यक्त किए.

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