राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

JKK में मंचित नाटक 'पागल घर' में मनुष्य की कुंठित मानसिकता पर किया चोट - JKK द्वारा मंचित नाटक

राजधानी के जवाहर कला केंद्र द्वारा पाक्षिक नाटक योजना के तहत गुरुवार को रंगायन में व्यंग्यात्मक नाटक 'पागल घर' का मंचन किया गया. डॉ. नंदकिशोर आचार्य द्वारा लिखित और रमेश शर्मा की परिकल्पना और निर्देशन पर आधारित इस नाटक में मनुष्य की कुंठित मानसिकता पर चोट की गई.

नाटक पागल घर, जवाहर कला केंद्र, jaipur new, Drama by Jawahar Arts Center

By

Published : Nov 21, 2019, 11:29 PM IST

Updated : Nov 22, 2019, 7:29 AM IST

जयपुर: राजधानी के जवाहर कला केंद्र द्वारा पाक्षिक नाटक योजना के तहत गुरुवार को रंगायन में व्यंग्यात्मक नाटक 'पागल घर' का मंचन किया गया. डॉ. नंदकिशोर आचार्य द्वारा लिखित और रमेश शर्मा की परिकल्पना एवं निर्देशन पर आधारित इस नाटक में मनुष्य की कुंठित मानसिकता पर चोट की गई. नाटक में लेखक, युवा डॉक्टर के अतिरिक्त शामिल अन्य किरदारों में नेता, वरिष्ठ डॉक्टर, अफसर और सिपाही के माध्यम से ना केवल राजनैतिक व्यंग्य किया गया बल्कि सत्ता में बैठे लोगों के अन्तर्मन के भय को भी सबके समक्ष पेश किया गया.

बता दें कि नाटक का मुख्य पात्र लेखक उग्र विचारों का होता है, जो अपनी लेखनी के जरिए सभी के समक्ष सच्चाई बयान करता है. इससे सत्ता में बैठे लोग एवं नेता उससे भयभीत हो जाते और उसपर झूठे आरोप लगा कर पागलखाने भेज दिया जाता है. वहां लेखक को अनेक प्रकार के प्रलोभन दिया जाता है और उसके समझौता ना करने पर उसे तरह-तरह से प्रताडित किया जाता है. हालाकिं लेखक उनके सामने नहीं झुकता और अंत में खुदखुशी कर लेता है. इन सभी घटनाओं को करीब से देख रहा युवा डॉक्टर विद्रोह कर देता है और नेता को झुकने पर मजबूर कर देता है. इस प्रकार यह नाटक दर्शकों को बिगड़ी व्यवस्थाओं और मनुष्य की कुंठित मानसिकता पर सोचने पर मजबूर करता है.

जवाहर कला केंद्र द्वारा मंचित नाटक ‘पागल घर‘ में मनुष्य की कुंठित मानसिकता पर किया चोट

पढ़ें- अरहान खान को बिग बॉस से निकालने पर स्टूडेंट मोर्चा ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

वहीं नाटक के अंत में दुष्यंत कुमार की कविता ‘‘हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए, मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए‘‘ पेश कर मनुष्य को भय मुक्त रहने का आह्वान किया गया.

पढ़ें- जयपुर में विज्ञान पत्रकारिता विषय पर आयोजित हुई कार्यशाला

इस नाटक में अभिनय करने वाले कलाकारों में शैलेन्द्र सिंह (लेखक), विजय सिंह राठौड़ (नेता), दिपांशु पाण्डे (युवा डॉक्टर), सुरेश आचार्य (अफसर), वसीम राजा (वरिष्ठ डॉक्टर) के अलावा रोहित मुंधडा और अक्षय सियोता (सिपाही) शामिल थे. अन्य सहयोगियों में प्रदीप भटनागर (सह निर्देशन), उत्तम सिंह (लाइट्स), रमेश शर्मा (संगीत), शिव कुमार (मेकअप), प्रहलाद, सुरेश, रोहित, वसीम (मंच सज्जा) शामिल थे.

Last Updated : Nov 22, 2019, 7:29 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details