जयपुर.आयकर विभाग की कार्रवाई पूरी होने के बाद जयपुर पुलिस सिल्वर आर्ट ग्रुप के एंटीक आइटम्स के मामले में जांच करेगी. जयपुर में सबसे बड़ी आयकर विभाग की छापामार कार्रवाई मानी जा रही है. आयकर विभाग को सिल्वर आर्ट ग्रुप की सुरंग में बेनामी संपत्ति के काफी सबूत मिले हैं. दस्तावेज और एंटीक सामान के साथ कोड वर्ड में लेन-देन का ब्योरा मिला है. यह ब्योरा डी-कोड होने पर करोड़ों की बेनामी संपत्ति और अघोषित लेन-देन का खुलासा कर सकता है. आयकर विभाग कारोबारी की अघोषित आय की गणना करने में जुटा हुआ है.
आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग कार्रवाई को अंजाम दे रही है. विभाग ने जयपुर में प्रॉपर्टी, हैंडी क्राफ्ट, रियल एस्टेट और ज्वेलर्स समूह के छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया है. जयपुर में गोकुल कृपा ग्रुप, सिल्वर एंड आर्ट ग्रुप और चौरडिया बिल्डकॉन ग्रुप के छापेमार कार्रवाई की गई है. सिल्वर एंड आर्ट ग्रुप के आमेर रोड स्थित कार्यालय पर छापेमार कार्रवाई जारी है. आयकर विभाग की छापेमारी कार्रवाई के दौरान तीनों समूह के ठिकानों पर करीब 2,000 करोड़ रुपए की अघोषित आय का खुलासा हुआ है.
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प्रदेश में आयकर विभाग की छापेमारी कार्रवाई सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. आयकर विभाग की छापामार कार्रवाई के दौरान सामने आया है कि कारोबारियों ने सुरंग में छुपाकर करोड़ों रुपए की ज्वेलरी और अन्य सामान समेत संपत्ति के दस्तावेजों को छुपा रखा था. हैंडी क्राफ्ट और ज्वैलर्स कारोबारी के ठिकाने पर मिली सुरंग में लगातार करोड़ों रुपए की अघोषित आय का खुलासा हो रहा है. आयकर विभाग के छापेमार कार्रवाई के दौरान कारोबारी के ठिकाने पर एंटीक आइटम मिले हैं.
अघोषित आय 2,000 करोड़ को पार कर सकती है...
सिल्वर आर्ट ग्रुप के ठिकाने पर सोलन में एंटीक आइटम्स मिलने के बाद अन्य एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं. स्टेट जीएसटी, वाणिज्य कर विभाग और पुलिस भी मामले में जांच करेगी. सिल्वर आर्ट ग्रुप के ठिकाने पर मिले एंटीक आइटम्स की जांच के लिए आयकर विभाग ने जयपुर पुलिस को पत्र भेजा था. पुलिस ने भी जांच करने की तैयारी कर ली है. आयकर विभाग की कार्रवाई पूरी होने के बाद पुलिस की ओर से जांच पड़ताल की जाएगी. एंटीक आइटम्स को विदेशियों को बेचने के भी सबूत मिले हैं.
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ज्वैलर्स समूह के ठिकाने पर बेनामी संपत्ति के काफी सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर बेनामी संपत्ति का आकलन किया जा रहा है. पीएमएलए एक्ट के तहत बेनामी संपत्ति जप्त की जा सकती है. सिल्वर आर्ट ग्रुप के अलावा चोरडिया ग्रुप और गोकुल कृपा ग्रुप पर भी छापेमार कार्रवाई पूरी हो चुकी है. अब तीनों ग्रुपों को मिलाकर आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान अघोषित आय का आंकड़ा 2,000 करोड़ को पार कर सकता है. आयकर विभाग की ओर से सिल्वर आर्ट ग्रुप के लॉकर्स को भी खोलने की तैयारी की जा रही है. लॉकर्स में भी बड़ी मात्रा में ज्वेलरी और निवेश के सबूत मिल सकते हैं. लॉकर्स खुलने के बाद कई खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है, जिससे अघोषित आय का आंकड़ा बढ़ सकता है.
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रियल स्टेट ग्रुप के लगभग 1,000 करोड़ के अघोषित लेन-देन का भी खुलासा हुआ है. आयकर विभाग ने कारोबारियों के ठिकानों पर लगे सीसीटीवी फुटेज भी बरामद किए हैं. सिल्वर आर्ट ग्रुप के ठिकाने पर छापेमारी कार्रवाई के दौरान सामने आया है कि एंटीक और आर्ट के नाम पर 5 से 10 गुना कीमत तक सामान बेचा गया है. पर्यटकों को यह सामान बेचा गया है. ज्वैलर्स के ठिकाने पर कीमती पत्थर, आभूषण, प्राचीन वस्तुएं और हस्तशिल्प कालीन वस्त्र जैसे कई सामान मिले हैं.
आयकर विभाग के छापेमार कार्रवाई के दौरान दिन प्रतिदिन करोड़ों रुपए का हिसाब मिल रहा है. आयकर विभाग को अरबों रुपए के लेन-देन की सूची भी मिली है, जिसके आधार पर प्रदेश में कई बड़े कारोबारी, बिजनेसमैन, फाइनेंस, ब्रोकर, हवाला कारोबारी और राजनेता भी आयकर विभाग की रडार पर हैं. आयकर विभाग की टीम कार्रवाई में जुटी हुई है.