जयपुर. लॉकडाउन के बाद पटरी पर लौट रहे जयपुर विकास प्राधिकरण की बुधवार को कार्यसमिति की बैठक हुई. बैठक की एजेंडा सूची में 36 प्रकरण सम्मिलित रहे. मुख्य रूप से जमीन उपयोग परिवर्तन संबंधित प्रकरणों पर अधिकारियों के साथ विचार विमर्श कर जेडीसी ने उचित दिशा निर्देश दिए. इस दौरान कार्मिकों के सेवा संबंधित प्रकरणों पर भी चर्चा की गई. वहीं, पृथ्वीराज नगर योजना के नियमन शिविर को 15 जून से दोबारा आयोजित करने का भी फैसला लिया गया.
बता दें कि जेडीए के मंथन सभागार में बुधवार को सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए कार्यकारी समिति की बैठक संपन्न हुई. जेडीसी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में व्यावसायिक प्रयोजनार्थ भू-उपयोग परिवर्तन, वाणिज्यिक पर्यटन इकाई होटल प्रयोजनार्थ भू-उपयोग परिवर्तन, आवासीय से संस्थानिक प्रयोजनार्थ भू-उपयोग परिवर्तन, आवासीय से पेट्रोल पंप प्रयोजनार्थ भू-उपयोग परिवर्तन के प्रकरणों को राज्य स्तरीय भू-उपयोग परिवर्तन समिति में भेजे जाने का निर्णय लिया गया.
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साथ ही बैठक में नजराना राशि जमा में 2 वर्ष से अधिक विलंब के प्रकरणों को ब्याज और पेनल्टी लेकर आवंटन बहाल करने के लिए प्रकरणों को राज्य सरकार को भेजे जाने का निर्णय लिया गया. बैठक में कार्मिकों के सेवा संबंधित प्रकरणों पर भी विचार-विमर्श किया गया. साथ ही जेडीए में विभिन्न कैटेगेरी में अस्थाई रूप से पंजीकृत फर्म की वैधता तिथि बढ़ाने और सिविल लाइन आरओबी के कंसलटेंसी कार्य के प्रकरण का अनुमोदन किया गया.
वहीं, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के निर्देश पर पृथ्वीराज नगर योजना के नियमन शिविर को 15 जून से दोबारा आयोजित करने का भी फैसला लिया गया. इस संबंध में जेडीसी ने पृथ्वीराज नगर योजना के कार्यालयों में कोरोना की रोकथाम के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों और सुरक्षा मापदण्डों की पूर्ण पालना किए जाने के लिए समस्त अधिकारियों को निर्देश दिए.