जयपुर.राजधानी की ट्रैफिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत (Strategy to Strengthen Traffic Infrastructure in Jaipur) करने और बड़े भारी वाहनों के शहरी क्षेत्र में प्रवेश पर रोकथाम के लिए दक्षिणी रिंग रोड और उत्तरी रिंग रोड प्रोजेक्ट लाया गया. दक्षिण रिंग रोड में अभी क्लोवरलीफ का काम बकाया है तो वहीं उत्तरी रिंग रोड प्रोजेक्ट 1 साल बाद भी कागजों तक ही सीमित है.
बीते साल यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने जमीन अवाप्ति को लेकर निर्माण कार्य की रूपरेखा तय की थी, लेकिन जेडीए और एनएचएआई ने इसकी सुध नहीं ली. हालांकि, अब 4000 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को लेकर जेडीए की ओर से एनएचएआई को प्रस्ताव भेजा गया है और ब्लू प्रिंट पर भी काम किया जा रहा है. जेडीसी गौरव गोयल ने बताया कि उत्तरी रिंग रोड के तीन बड़े पहलू हैं. जयपुर के मास्टर प्लान में एनएचएआई का एलाइनमेंट का निर्धारण किया जाना है.
भूमि अवाप्ति करनी है और फिर फिजिकल इन्फ्राट्रक्चर रोड डेवलपमेंट का काम है. फिलहाल, जेडीए के स्तर पर जेडीए एक्ट की धारा 25 के तहत एनएचएआई की ओर से फाइनल किए गए एलाइनमेंट को मास्टर प्लान में जोड़ा जा रहा है. जहां तक जमीन और प्रोजेक्ट की बात है तो जेडीए और एनएचएआई मिलकर एक एसपीवी तैयार कर ये प्रोजेक्ट टेक अप कर सकते हैं.