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जेडीए कार्यकारी समिति की बैठक, 20 प्रकरण पर हुई चर्चा

जयपुर विकास प्राधिकरण की कार्यकारी समिति की बैठक में शुक्रवार को 20 प्रकरण रखे गए. बैठक में पृथ्वीराज नगर दक्षिण क्षेत्र में सीवर कार्य के टेंडर दस्तावेज और शर्तों का अनुमोदन किया गया. साथ ही चौड़ा रास्ता स्थित ट्यूरिस्ट फैसिलिटी सेंटर और मसाला चौक की दुकानों पर चर्चा की गई.

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जेडीए कार्यकारी समिति की बैठक

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Published : Sep 26, 2020, 3:35 AM IST

जयपुर. जयपुर विकास प्राधिकरण की कार्यकारी समिति की बैठक में शुक्रवार को 20 प्रकरण रखे गए. बैठक में पृथ्वीराज नगर दक्षिण क्षेत्र में सीवर कार्य के टेंडर दस्तावेज और शर्तों का अनुमोदन किया गया. साथ ही चौड़ा रास्ता स्थित ट्यूरिस्ट फैसिलिटी सेंटर और मसाला चौक की दुकानों पर चर्चा की गई. साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के भूखंड और फ्लैट से जुड़े मामलों के लिए सब कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया गया.

जेडीए कार्यकारी समिति की बैठक में 20 प्रकरणों पर चर्चा हुई

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जेडीए आयुक्त गौरव गोयल की अध्यक्षता में कार्यकारी समिति की बैठक हुई. जिसमें जेडीए सचिव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे. साथ ही कार्यकारी समिति के सदस्य जयपुर कलेक्टर और निगम कमिश्नर भी वर्चुअल बैठक से जुड़े. बैठक में पृथ्वीराज नगर दक्षिण क्षेत्र में सीवर कार्य के टेंडर दस्तावेज और शर्तों का अनुमोदन किया गया. जेडीए द्वारा एक महीने में पृथ्वीराज नगर जोन दक्षिण क्षेत्र में सीवर कार्य का टेंडर जारी किया जाएगा. इसके अलावा चौड़ा रास्ता स्थित ट्यूरिस्ट फैसिलिटी सेंटर के संचालन और रखरखाव के लिए फर्म मैसर्स पिंक सिटी बिल्डहोम प्राइवेट लिमिटेड को 10 वर्ष के लिए किराए पर दिया गया था. इस फर्म द्वारा लॉकडाउन के कारण निर्धारित किराया चुकाने में असमर्थता जताई गई. जिसका अनुमोदन नगर निगम द्वारा पूर्व में इसी तरह के प्रकरण में लिए गए निर्णय अनुसार किया गया.

वहीं मसाला चौक के दुकानदारों द्वारा लॉकडाउन के कारण किराया चुकाने में असमर्थता जताई गई. उक्त प्रकरण में जेडीए द्वारा दुकानदारों को राहत देने के लिए प्रकरण राज्य सरकार को भिजवाए जाने का निर्णय लिया गया. इसके साथ ही कार्यकारी समिति की बैठक में शहरी भूमि एवं निस्तारण नियम के अनुसार ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी वर्ग के 220 वर्ग मीटर तक के भूखंड फ्लैट्स के जो प्रकरण 2 वर्ष से अधिक लंबित हैं, उन प्रकरणों को समिति की बैठक में प्रस्तुत किया गया. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को राहत देने के लिए कार्यकारी समिति ने एक सब कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया. सब कमेटी द्वारा जेडीसी से अनुमोदन करवा कर ऐसे प्रकरणों को सीधे ही राज्य सरकार को भिजवाए जाने का निर्णय लिया गया.

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