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अवैध कॉलोनी बसाने का प्रयास विफल, JDA के प्रवर्तन दस्ते ने सड़क सीमा से हटाया अतिक्रमण

जेडीए की प्रवर्तन शाखा ने मंगलवार को कार्रवाई करते हुए गोविंदपुरा में करीब 5 बीघा निजी खातेदारी भूमि पर अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयास को विफल किया है. इसके साथ ही अवैध निर्माणों को भी ध्वस्त कर दिया है.

जयपुर समाचार, jaipur news
अवैध कॉलोनी बसाने का प्रयास विफल

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Published : Sep 15, 2020, 10:35 PM IST

जयपुर.जेडीए की अवैध निर्माण और अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है. जेडीए कमिश्नर के निर्देशों की पालना में जेडीए के प्रवर्तन शाखा ने कार्रवाई करते हुए गोविंदपुरा में करीब 5 बीघा निजी खातेदारी भूमि पर अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयास को विफल किया है. साथ ही ग्राम मथुरावाला में करीब 1 बीघा निजी खातेदारी की भूमि पर अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयास को विफल करते हुए अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया है.

जेडीए के प्रवर्तन शाखा की ओर से ग्राम पंचायत कानोता खसरा नंबर 193 में गैर मुमकिन नाले की करीब 2 बीघा भूमि पर अतिक्रमण कर की गई तारबंदी और अतिक्रमण को ध्वस्त किया गया है. जोन 13 में सड़क सीमा में किए गए अतिक्रमण को भी हटाया गया है. इसके साथ ही जोन 9 में ग्राम दांतली पुलिया के पास जेडीए स्वामित्व की सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बाउंड्रीवाल और अन्य निर्माणों को ध्वस्त किया गया है. साथ ही सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाया गया है. यह भूमि आरओबी दांतली सिरोली में उपयोग के लिए आरक्षित थी.

मुख्य नियंत्रक प्रवचन रघुवीर सैनी के मुताबिक जोन 8 में गोविंदपुरा में करीब 5 बीघा निजी खातेदारी भूमि पर अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयोजनार्थ जेडीए की बिना अनुमति एवं बिना स्वीकृति के सड़कें और अन्य अवैध निर्माण कर लिए गए थे, जिन्हें जेसीबी और मजदूरों की सहायता से ध्वस्त कर अवैध कॉलोनी बसाने का प्रयास विफल किया गया है.

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साथ ही जोन-14 में ग्राम मथुरावाला में खसरा नंबर 282 में करीब 1 बीघा निजी खातेदारी की भूमि पर अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयोजनार्थ जेडीए की बिना अनुमति एवं स्वीकृति बाउंड्रीवाल झोपड़िया, कच्चे पक्के निर्माण और अन्य निर्माणों को ध्वस्त किया गया था. जमीन के खसरा नंबर 282 में निर्मित तीन कमरों को मंगलवार को जॉन के तहसीलदार की निशानदेही में प्रवर्तन दस्ते द्वारा जेसीबी और मजदूरों की सहायता से ध्वस्त कर अवैध कॉलोनी बसाने का प्रयास विफल किया गया है.

वहीं, जोन 13 में ग्राम पंचायत कानोता खसरा नंबर 193 में गैर मुमकिन नाले की करीब 2 बीघा भूमि पर अतिक्रमण कर की गई तारबंदी और अन्य निर्माणों को जेसीबी और मजदूरों की सहायता से ध्वस्त कर गैर मुमकिन नाले की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाया गया है. साथ ही ग्राम बस्सी में बजरंग विहार और बजरंग कॉलोनी में तीन स्थानों पर रोड सीमा पर अतिक्रमण कर चबूतरे और अन्य निर्माणों को ध्वस्त कर सड़क सीमा को अतिक्रमण से मुक्त करवाया गया है.

जेडीए दस्ते ने जोन 9 में ग्राम दांतली पुलिया के पास जेडीए स्वामित्व की सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर 4 फीट ऊंची बाउंड्रीवाल और अन्य निर्माणों को ध्वस्त किया है. प्रवर्तन दस्ते ने जेसीबी और मजदूरों की सहायता से अवैध निर्माण को ध्वस्त कर सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करवाया है. यह भूमि आरओबी दांतली सिरौली में उपयोग के लिए आरक्षित थी.

प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन

प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन

राजधानी के आमेर में लालवास स्थित सीआरपीएफ की रैपिड एक्शन फोर्स 83 बटालियन कल्याण केंद्र की ओर से प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम आयोजित किया गया. भारत सरकार एवं महानिदेशालय केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल नई दिल्ली के निर्देशानुसार रैपिड एक्शन फोर्स 83 बटालियन के कमांडेंट प्रवीण कुमार सिंह के नेतृत्व में प्रौढ़ शिक्षा एवं पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

बता दें कि प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम एवं पौधरोपण कार्यक्रम 15 सितंबर से 21 सितंबर तक चलेगा. सबसे पहले कावां अध्यक्ष जागृति सिंह ने कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों, जवानों और कार्मिकों के परिजनों व कैंपस के आसपास के क्षेत्र की महिलाओं का आभार जताया. केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई प्रौढ़ शिक्षा प्रणाली के तहत शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित किया और पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया.

पौधरोपण का कार्यक्रम

इस कार्यक्रम के दौरान जागृति सिंह ने प्रौढ़ शिक्षा के महत्व को समझाते हुए बताया कि प्रौढ़ शिक्षा का उद्देश्य अनपढ़ वृद्ध महिलाओं और पुरुषों में शिक्षा के प्रति चेतना एवं जागृति विकसित करना है, जिससे वह शिक्षा के महत्व को समझ सके. साथ ही उन वृद्ध व्यक्तियों को शैक्षिक विकल्प देना है, जो औपचारिक शिक्षा आयु पार कर चुके हैं. वह साक्षरता, आधारभूत शिक्षा, कौशल विकास एवं अन्य रोजगार संबंधित शिक्षा की आवश्यकता का अनुभव करते हैं. उन्हें इतना शिक्षित करना है कि वह लिख पढ़ सके, स्वयं का हस्ताक्षर कर सके और सामान्य जीवन का हिसाब किताब कर सकें.

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साथ ही कहा कि प्रौढ़ शिक्षा के लाभार्थियों को केवल अक्षर ज्ञान प्राप्त करा देना ही पर्याप्त नहीं है. बल्कि उन्हें जनकल्याणकारी कार्यक्रमों जैसे परिवार नियोजन, पौधरोपण, पर्यावरण प्रदूषण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक करना भी है. जागृति सिंह ने शुद्ध पर्यावरण में पेड़ों की महत्वता को समझाते हुए बताया कि पेड़ हमें खुशहाल जीवन व्यतीत करने के लिए छाया ही नहीं बल्कि हमारे जीवन में वृक्षों का महत्वपूर्ण स्थान है.

पेड़ पौधे मनुष्य को अनाज, जड़ी-बूटी, फल-फूल, ईंधन, लकड़ी उपलब्ध करवाने के साथ-साथ मनुष्य एवं प्राणियों को शुद्ध वातावरण प्रदान करते हैं. साथ ही प्रेरित किया गया कि हर व्यक्ति को प्रतिवर्ष कम से कम एक पेड़ लगाना चाहिए एवं दूसरों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करना चाहिए, जिससे प्रकृति एवं वन्यजीवों के आवास को भी बचाने और प्रकृति के सौंदर्यकरण के साथ पर्यावरण को स्वच्छ बनाया जा सके.

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